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सुखद : जमीन- जायदाद होने के बावजूद दुल्हन को ब्याहकर लाया साइकिल पर

तेज रफ्तार के युग में भले ही आजकल पंजाब में महंगे ब्याहों को लेकर पंजाबी कर्ज तले डूबे हुए है और उन्होंने पुराने सभ्याचार से नाता तोड़ दिया है।

01:46 PM Nov 30, 2019 IST | Shera Rajput

तेज रफ्तार के युग में भले ही आजकल पंजाब में महंगे ब्याहों को लेकर पंजाबी कर्ज तले डूबे हुए है और उन्होंने पुराने सभ्याचार से नाता तोड़ दिया है।

लुधियाना-बठिण्डा : तेज रफ्तार के युग में भले ही आजकल पंजाब में महंगे ब्याहों को लेकर पंजाबी कर्ज तले डूबे हुए है और उन्होंने पुराने सभ्याचार से नाता तोड़ दिया है। ऐसे में सुखद अहसास उस वक्त हुआ जब बठिण्डा के एक सिख नौजवान ने गुरूनानक देव जी की शिक्षाओं पर अमल करते हुए अपनी शादी को पूर्ण सादगी से मनाकर मनभावन दुल्हन रमनदीप कौर की डोली को हैलीकैप्टर या महंगी कारों को नजरअंदाज करके दुपहिया साइकिल पर विदाई लेते अपने घर की दहलीज पर पहुंचाया। इस दौरान उसके परिवारिक रिश्तेदारों और वारिसों ने तमाम रिति-रिवाज निभाते हुए दुल्हन को तहदिल जी-आया कहा।  
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घुंघट में छिपा चेहरा, महेंदी लगे हाथों में चूड़ा और कलीरा पहने दुल्हन को अपने जिदंगी के पार्टनर के साथ जिंदगी के नए सफर पर साइकिल पर जाते देखने के लिए लोग उतावले थे। शादी उनके गांव से 40 किलोमीटर दूर वीरखुर्द में हुई है।  हर कोई मोजूद शख्स, राहगिरि उस क्षण को अपने-अपने मोबाइल के जरिए कैद करने में मशगूल था। यह समस्त दृश्य बठिण्डा के रामनगर इलाके के एक नौजवान ने सादगी भरी शादी का संदेश देने के लिए सुखद पहल की है। 
मांबाप का लाडला इकलौता पुत्र गुरूबख्शीश सिंह उर्फ गगी ना सिर्फ वातावरण प्रेमी है, बल्कि पंजाबी मांबोली का भी मजबूत पहरेदार है। 
दुल्हे के घर में सबकुछ होने के बावजूद उसने अपनी जीवन संगिनि को साइकिल पर ब्याहकर ले आने का फैसला बहुत समय पहले ही कर लिया था। बड़ी बात यह है कि उसके मांबाप ने भी इकलौते बेटे की शादी पर किसी भी प्रकार के फालतू इकटठ को नहीं किया और ना ही लडक़ी वालों  से किसी भी प्रकार का कोई दान-दहेज लिया।  यह भी पता चला है दूल्हा साइकिल पर शादी करने पहुंचा तो उसके साथ गए चंद बाराती भी साइकिल पर ही गांव ठूठियांवाली के गुरुद्वारा साहिब पहुंचे और गुरू घर में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की उपस्थिति में आनंद कारज (विवाह) करके उन्होंने दुल्हन की भी साइकिल पर ही विदाई ली। इस दौरान बारात में गए संगे-संबंधीयों ने गुरू घर का प्रसादा छका। 
 गुरबख्शीश सिंह ने बताया कि वह शादी पर फालतू खर्च के खिलाफ हैं। उनकी इच्छा थी कि वह अपनी शादी पर किसी प्रकार का फालतू खर्च नहीं करेंगे। शादी से पहले उन्होंने अपने ससुराल पक्ष से भी बात की थी कि वह साइकिल पर ही बरात लेकर आएंगे। अगर मंजूर होगा तभी शादी करेंगे। ससुराल पक्ष भी मान गया। 
गुरबख्शीश बठिंडा के सरकारी राजिंदरा कॉलेज से एमए की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी पत्नी रमनदीप कौर ने बीएससी माइक्रोबॉयोलॉजी की डिग्री लीे है। शादी में ससुराल से एक भी पैसा दहेज नहीं लिया। गुरबख्शीश ने कहा कि कर्ज लेकर बिल्कुल शादी नहीं करनी चाहिए। युवाओं को दिखावे से बचना चाहिए और साधारण तरीके से शादियां करनी चाहिए।
– सुनीलराय कामरेड
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