टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

शरद के लिए पीएम चेहरा अहम नहीं

04:10 AM Dec 30, 2023 IST | Shera Rajput

विपक्षी दलों के इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में सबको चौंकाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया था। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि 1977 के लोकसभा चुनावों (आपातकाल के बाद) के दौरान किसी को भी प्रधानमंत्री पद का चेहरा पेश नहीं किया गया था।
पवार की यह टिप्पणी तब आई है, जब विपक्षी इंडिया गुट ने अभी तक आगामी 2024 चुनावों के लिए प्रधान मंत्री पद का चेहरा पेश नहीं किया है। शरद पवार ने आगे कहा, चुनाव के बाद मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया था। अगर कोई चेहरा सामने नहीं भी लाया जाता है तो इसका कोई दुष्परिणाम नहीं होता है। उन्होंने कहा-अगर लोग बदलाव के मूड में हैं, तो वे बदलाव लाने के लिए फैसला करेंगे। हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद यह बात कही थी कि प्राथमिकता नेतृत्व तय करने पर नहीं होनी चाहिए, बल्कि ध्यान पूरी तरह से चुनाव जीतने पर होना चाहिए।
निमंत्रण से विपक्ष ऊहापोह में
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने को लेकर विपक्षी इंडिया ब्लॉक की पार्टियां अलग-अलग विचार और राय रखती हैं। सीपीआई (एम) ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया। सीपीएम पोलित ब्यूरो ने कहा, उसका मानना ​​है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए, हम समारोह में शामिल नहीं होंगे। जबकि कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी आगे बढ़ सकती है और बाद में निर्णय ले सकती है कि इस कार्यक्रम में कौन शामिल हो सकता है। लेकिन वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सोनिया गांधी इस मामले पर बहुत सकारात्मक रही हैं, उन्होंने कहा कि या तो वह जाएंगी या उनकी ओर से एक प्रतिनिधिमंडल समारोह में भाग लेगा। हालांकि, केरल में कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने भी कांग्रेस को भाजपा के जाल में फंसने को लेकर चेताया है। निमंत्रण ने कांग्रेस को विषम परिस्थिति में डाल दिया है, अगर उसके नेता समारोह में भाग लेते हैं तो मुस्लिम पार्टी से दूर जा सकते हैं, विशेष रूप से केरल में और यदि वे भाग नहीं लेते हैं तो इससे उत्तर भारत में यह बात फैल सकती है कि कांग्रेस हिंदू भावनाओं के खिलाफ है।
दूसरी ओर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया कि बीजेपी की अनिच्छा के कारण राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में उद्धव ठाकरे को आमंत्रित नहीं किया गया है। राउत ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने राम मंदिर संघर्ष में अतुलनीय योगदान दिया था, उन्हें बाहर कर दिया गया, जबकि जिन लोगों की कोई भागीदारी नहीं थी, वे जश्न मना रहे थे। हालांकि, राम मंदिर ट्रस्ट आने वाले दिनों में उद्धव और सीएम एकनाथ शिंदे को आमंत्रित कर सकता है, जबकि सपा नेता डिंपल यादव ने घोषणा की है कि अगर उन्हें आमंत्रित किया गया तो वह निस्संदेह उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी। वहीं, टीएमसी ने संकेत दिया है कि ममता बनर्जी भी दूर रह सकती हैं।

- राहिल नोरा चोपड़ा

Advertisement
Advertisement
Next Article