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PM-MKSSY: भारत के मछुआरों को बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने एक नई स्कीम निकाली है, जिसमें मधुआरों और किसानों को सस्ते लोन दिए जाएंगे। फिशरीज सेक्टर में आसान लोन मिलने से यहां काम करने वाले लोगों को सरकारी पैसों की मदद मिलेगी। 6000 करोड़ रुपये की स्कीम से जलकृषि बीमा को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
Highlights
केंद्र सरकार की कैबिनेट कमिटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने फिशरीज सेक्टर के लिए नई स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसका नाम प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना यानी Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah-Yojana (PM-MKSSY) है। ये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 6000 करोड़ रुपये की एक सब-सेंट्रल स्कीम है। स्कीम के जरिए जल कृषि करने वाले किसानों के साथ-साथ मछुआरों, मछली पालन करने वाले मजदूरों को सस्ते लोन मिल दिए जाएंगे। सेक्टर का इंफ्रास्टक्चर मजबूत होने से लोगों तक सीधे फायदा पहुंचेगा।
सरकार ने unorganized असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक रूप देने के लिए और इस सेक्टर के MSME को संस्थागत फाइनेंस की सुविधा देने के लिए ये स्कीम निकाली है। इस 6000 करोड़ रुपये की स्कीम से जलकृषि बीमा को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। फिशरीज सेक्टर में आसान लोन मिलने से यहां काम करने वाले लोगों को पैसों की सरकारी मदद दी जाएगी।
PM मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा कि कैबिनेट के 'मत्स्य पालन अवसंरचना विकास कोष' (FIDF) को 3 सालों के लिए बढ़ाने से मत्स्य पालन क्षेत्र में लोगों के लिए बेहतर लोन की पहुंच सुनिश्चित होगी और इससे जुड़े बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
The Cabinet’s extension of the Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund will ensure improved credit access for those in the fisheries sector and boost the creation of related infrastructure. https://t.co/qq2K9qSk0P
— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2024
Courtsey : पोस्ट को एक्स पर @narendramodi के अकाउंट से शेयर किया गया
केंद्र सरकार की योजना है कि फिशरीज सेक्टर में 55,000 टारगेटेड MSME को सब्सिडी के साथ परफॉरमेंस बेस्ड इंसेटिव दिए जाएं, जिससे इस क्षेत्र में लोग बेहतर क्वालिटी का सी-फूड मुहैया करा सकेंगे और वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स के मुताबिक भारत की ये इंडस्ट्री उभर सकेगी।
जल-खेती का जो सेक्टर अभी असंगठित रूप से काम कर रहा है, उसे संगठित रूप देने की सरकार की योजना के लिए 3000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से लेने के साथ-साथ AFD और पब्लिक फंडिंग से आएंगे।