जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा पर दिया जोर
भारत की वैश्विक ऊर्जा पहल पर पीएम मोदी ने जी7 में की चर्चा
जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि हरित और स्थायी मार्ग से ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने भारत की पहल जैसे इंटरनेशनल सोलर एलायंस और ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस पर भी प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कनानास्किस में 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में एनर्जी सिक्योरिटी पर आउटरीच सेशन में हिस्सा लिया। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बताया कि अपने संबोधन के दौरान, पीएम मोदी ने सभी लोगों के लिए एक स्थायी और हरित मार्ग के जरिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने भारत की वैश्विक पहलों जैसे कि इंटरनेशनल सोलर एलायंस (सौर ऊर्जा पर केंद्रित एक संधि-आधारित अंतरराष्ट्रीय संगठन), डिजास्टर रेसिलिटेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) और ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस के बारे में विस्तार से बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “एआई अपने आप में एक एनर्जी-इंटेंसिव टेक्नोलॉजी है। अगर टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सोसायटी की ऊर्जा आवश्यकताओं को स्थायी रूप से पूरा करने का कोई तरीका है, तो वह रिन्यूएब एनर्जी के जरिए है। सस्ती, विश्वसनीय और टिकाऊ ऊर्जा सुनिश्चित करना भारत की प्राथमिकता है।” पीएम मोदी ने बताया कि भारत का मानना है कि कोई भी टेक्नोलॉजी तभी मूल्यवान है, जब उसका लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे। ग्लोबल साउथ का कोई भी देश पीछे नहीं रहना चाहिए।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण किया है। डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम लोगों को सशक्त बनाया है, जबकि सार्थक और गुणात्मक डेटा समावेशी, सक्षम और जिम्मेदार एआई की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें ग्लोबल गवर्नेंस पर काम करना होगा। एआई से संबंधित चिंताओं को दूर करना होगा। इनोवेशन को बढ़ावा देना होगा। एआई के युग में, जरूरी मिनरल्स और टेक्नोलॉजी के बीच सहयोग जरूरी है। हमें उनकी सप्लाई चेन को सुरक्षित बनाना होगा। डीप फेक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। इसलिए, एआई-जनरेटेड कंटेंट पर वॉटर-मार्किंग या स्पष्ट घोषणा की जानी चाहिए।”