W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों पर PM मोदी ने जताई चिंता, लेकिन कहा, ‘भयभीत होने की जरूरत नहीं’

देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है।

11:47 PM Apr 08, 2021 IST | Shera Rajput

देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है।

कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों पर pm मोदी ने जताई चिंता  लेकिन कहा  ‘भयभीत होने की जरूरत नहीं’
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है। उन्होंने राज्यों से निषिद्ध क्षेत्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और जांच में तेजी लाने को कहा। 
मुख्यमंत्रियों के साथ देश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने पिछले साल बगैर टीके के कोविड-19 से लड़ाई जीती थी, इसलिए आज भयभीत होने की जरूरत नहीं है। 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने जिस तरह से लड़ाई लड़ी थी, उसी तरह से फिर से लड़ाई जीत सकते हैं।’’ 
मोदी ने कहा, ‘‘हम जितनी ज्यादा जांच करेंगे उतना सफल होंगे। जांच, संपर्क का पता लगाना, उपचार करना और कोरोना से बचाव संबंधी उपायों का कड़ाई से पालन करना और बेहतर कोविड-19 प्रबंधन पर हमें बल देना है।’’ 
प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण में वृद्धि के लिए लोगों की ‘‘लापरवाही’’ और प्रशासनिक अमले की ‘‘सुस्ती’’ को एक बड़ी वजह बताया तथा राज्यों से इसपर विशेष ध्यान देने को कहा। 
उन्होंने कहा कि आज की समीक्षा में कुछ बातें स्पष्ट हैं जिनपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। 
मोदी ने कहा, ‘‘पिछले साल कोरोना की जो सर्वोच्च रफ्तार थी उसे हम इस बार पार कर चुके हैं। इस बार मामलों की वृद्धि दर पहले से भी ज्यादा तेज है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य पहली लहर की ‘पीक’ को भी पार कर चुके हैं। कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं। हम सबके लिए ये चिंता का विषय है। ये एक गंभीर चिंता का विषय है।’’ 
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार लोग पहले की अपेक्षा बहुत अधिक लापरवाह हो गए हैं और अधिकतर राज्यों में प्रशासन भी सुस्त नजर आ रहा है। 
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में कोरोना मामलों की इस अचानक बढ़ोतरी ने मुश्किलें पैदा की हैं। इसके प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है।’’ 
मोदी ने कहा कि इन तमाम चुनौतियों के बावजूद देश के पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव और बेहतर संसाधन उपलब्ध हैं। 
उन्होंने कहा, ‘‘जनभागीदारी के साथ-साथ हमारे परिश्रमी चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों ने स्थिति को संभालने में बहुत मदद की है और आज भी कर रहे हैं।’’ 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले हमारे पास न तो मास्क थे और न ही पीपीई किट उपलब्ध थी और न ही संसाधन थे, इसलिए कोरोना से उस समय बचने का एकमात्र साधन लॉकडाउन बचा था और वह रणनीति काम आई।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के समय का उपयोग करते हुए हमने अपनी क्षमता बढ़ाई और संसाधन विकसित किए। आज हमारे पास संसाधन हैं तो हमारा बल छोटे निषिद्ध क्षेत्रों पर होना चाहिए। हमें इसके परिणाम मिलेंगे। यह मेहनत रंग लाएगी।’’ 
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार बहुत सारे मामले ऐसे हैं जो बिना लक्षण वाले हैं, इसलिए प्रशासन को अतिसक्रियता दिखाकर जांच में तेजी लानी होगी। 
उन्होंने कहा, ‘‘हम जितना ज्यादा चर्चा टीके की करते हैं, उससे ज्यादा फोकस जांच पर करना है। हम जांच को हल्के में ना लें। हर लाल में हमें इसे बढ़ाना होगा और पॉजिटिव रेट पांच प्रतिशत के नीचे लाकर दिखाना होगा।’’ 
मोदी ने कहा कि जिन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, उन्हें इसके लिए हो रही आलोचनाओं से घबराना नहीं चाहिए। 
उन्होंने इन राज्यों से भी जांच पर बल देने का आग्रह किया। 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘रास्ता तो जांच का ही है। मामले बढ़ने को लेकर किसी राज्य के प्रदर्शन का आकलन उचित नहीं है।’’ 
प्रधानमंत्री ने राज्यों से 70 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जांच करने का आग्रह किया और तेजी से हर संपर्क का पता लगाने पर जोर दिया। 
उन्होंने कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर में भी कमी लाने के लिए राज्यों से यथोचित उपाय करने को कहा। 
मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपने प्रयासों में सुस्ती किसी भी प्रकार से नहीं आने देनी है।’’ 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने टीकाकरण का जो मानदंड तय किया है, वह दुनिया के समृद्ध देशों से अलग नहीं है। 
उन्होंने टीकों की बर्बादी रोकने के लिए भी राज्यों को उचित कदम उठाने को कहा। 
मोदी ने 45 वर्ष से ऊपर के लोगों के शत-प्रतिशत टीकाकरण पर जोर दिया और इसके मद्देनजर 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले की जयंती से लेकर 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती तक देश भर में ‘‘टीका उत्सव’’ मनाने का सुझाव दिया। 
उन्होंने युवाओं से कोविड-19 से बचाव संबंधी उपायों को लेकर अत्यधिक सक्रियता दिखाने का आह्वान किया और 45 साल से ऊपर के लोगों से टीककरण कार्यक्रम में भगीदार बनने का आग्रह किया। 
मोदी ने कहा, ‘‘हम जब चरम पर जाकर नीचे आ गए तो हम दोबारा भी आ सकते हैं। दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र का पालन करते रहना होगा। टीकाकरण के बाद मास्क और अन्य उपायों का पालन अनिवार्य है।’’ 
मास्क पहनने को लेकर समाज में आई लापरवाही को कम करने के लिए प्रधानमंत्री ने जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया और राज्यों से इस अभियान में राज्यपालों, नामचीन हस्तियों और चुने हुए प्रतिनिधियों को शामिल करने का आह्वान किया। 
उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों में स्थिति को बदलने के लिए आगे आएंगे और कोरोना से जीत हासिल करेंगे। 
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे पक्का विश्वास है कि इस संकट को हम देखते-देखते पार करके निकल जाएंगे…जैसे आपने पिछली बार करोना को नियंत्रित किया था, इस बार भी कर लेंगे…यह मेरा पक्का विश्वास है। टीकाकरण की व्यवस्था लंबे कालखंड के लिए है जो चलती रहेगी, आज हमें जांच पर बल देना है।’’ 
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के 1,26,789 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,29,28,574 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मामले भी नौ लाख के पार चले गए हैं। 
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, केरल और पंजाब में कोविड-19 के दैनिक मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और देश में सामने आए संक्रमण के 1,26,789 नए मामलों में से 84.21 प्रतिशत मामले इन 10 राज्यों में हैं। 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश में एक सप्ताह में कोरोना वायरस संक्रमण की दर मार्च और अप्रैल के शुरुआती सात दिनों की क्रमश: 2.19 से 6.21 प्रतिशत बढ़कर 8.40 प्रतिशत हो गई है। 
भारत में प्रतिदिन कोविड-19 रोधी टीके की औसतन 34,30,502 खुराक दी जा रही हैं, जिसके साथ ही देश रोजाना लगाए जाने वाले टीकों की संख्या के मामले में दुनियाभर में पहले स्थान पर पहुंच गया है। 
सुबह सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 13,77,304 सत्रों में कुल 9,01,98,673 टीके लगाए जा चुके हैं।
Advertisement
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×