PM मोदी ने दिखाई वंदे भारत को हरी झंडी, J&K की रेल कनेक्टिविटी में मील का पत्थर
चिनाब दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर दौरे पर है। आज PM मोदी ने दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जो जम्मू को सीधे कश्मीर से जोड़ेगी। नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय सड़क मार्ग से मौजूदा 6-7 घंटे से घटाकर लगभग 3 घंटे कर देगी। इन रेलगाड़ियों को विशेष रूप से कश्मीर घाटी की ठंडी जलवायु परिस्थितियों में परिचालन के लिए डिजाइन किया गया है। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित, चिनाब ब्रिज नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बना एक इंजीनियरिंग चमत्कार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटरा रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जो जम्मू को सीधे कश्मीर से जोड़ेगी। यह जम्मू और कश्मीर की रेलवे कनेक्टिविटी में एक प्रमुख मील का पत्थर है। ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन में सवार स्कूली बच्चों से बातचीत की तथा ट्रेन में मौजूद रेलवे स्टाफ सदस्यों से भी बात की।
3 से 4 घंटे का समय होगा कम
नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय सड़क मार्ग से मौजूदा 6-7 घंटे से घटाकर लगभग 3 घंटे कर देगी। इन ट्रेनों का उद्देश्य निवासियों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए तेज़, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करना है। यह ट्रेन अंजी खाद पुल, जो भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे पुल है, चिनाब पुल, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, से होकर गुजरेगी। इन रेलगाड़ियों को विशेष रूप से कश्मीर घाटी की ठंडी जलवायु परिस्थितियों में परिचालन के लिए डिजाइन किया गया है। इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज ‘चिनाब रेलवे ब्रिज’ और जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में भारत के पहले केबल-स्टेड ‘अंजी ब्रिज’ का उद्घाटन किया।
359 मीटर की ऊंचाई पर बना चिनाब ब्रिज
दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे ब्रिज, कटरा-से-सांगलदान खंड का हिस्सा है, जो नई दिल्ली को कटरा के माध्यम से सीधे कश्मीर से जोड़ता है। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित, चिनाब ब्रिज नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बना एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। यह इतिहास में पहली बार आधिकारिक तौर पर कश्मीर घाटी को रेल के माध्यम से भारत के कई हिस्सों से जोड़ेगा। बता दें कि इस परियोजना को क्षेत्र के दुर्गम भूभाग और भूकंपीय संवेदनशीलता के कारण कई इंजीनियरिंग और रसद चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वर्षों के सावधानीपूर्वक काम के बाद, यह पुल अब भारत की तकनीकी क्षमता और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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272 किलोमीटर लंबी USBRL परियोजना
बता दें कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना 272 किलोमीटर लंबी USBRL परियोजना है, जिसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, जिसमें 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता को बदलना और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है।