PM modi के Maldives दौरे पर वित्तीय सहयोग समेत इन मुद्दों पर होगी चर्चा, जानें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जुलाई 2025 को Maldives की यात्रा पर जा रहे हैं. वो यहां मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ समारोह में ‘विशेष अतिथि’ के रूप में शामिल होंगे. यह उनकी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू के सत्ता संभालने के बाद मालदीव की पहली राजकीय यात्रा होगी। यह यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे हो रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, PM modi की यह मालदीव की तीसरी यात्रा होगी और राष्ट्रपति मुइज़ू के कार्यकाल में किसी भी देश के प्रमुख की यह पहली यात्रा है। यह दोनों देशों के मजबूत होते संबंधों को दर्शाती है। भारत हमेशा से ‘पड़ोसी पहले’ नीति पर काम करता आया है और मालदीव उसका अहम समुद्री पड़ोसी है।
विकास और सहयोग पर जोर
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे आपसी सहयोग और विकास में तेजी आएगी। भारत मालदीव में बुनियादी ढांचे जैसे बंदरगाह, एयरपोर्ट, सड़कें, आवास, अस्पताल और जल व्यवस्था के क्षेत्र में काम कर रहा है।
उच्च स्तरीय बातचीत और बैठकें
हाल ही में भारत और Maldives के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी जिसमें आर्थिक, सुरक्षा, स्वास्थ्य और आपसी रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। इस बैठक का नेतृत्व मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने किया था।
वित्तीय सहायता और दवा आपूर्ति में सहयोग
भारत ने मालदीव को 50 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता दी है जो दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग को दर्शाता है। इसके अलावा, भारत की सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड के माध्यम से मालदीव को जरूरी दवाओं की सप्लाई भी सुनिश्चित की जा रही है।
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रक्षा सहयोग में मजबूती
भारत और Maldives के बीच रक्षा क्षेत्र में भी घनिष्ठ संबंध हैं। जनवरी 2025 में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मालदीव दौरे पर जाकर वहां के रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी। इस दौरान भारत ने मालदीव को रक्षा उपकरण भी प्रदान किए और प्रशिक्षण में सहयोग जारी रखने का भरोसा दिया।
डिजिटल और वित्तीय सहयोग
भारत ने Maldives में रुपे कार्ड सेवा शुरू की है, जिससे भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटक और मालदीव से भारत आने वाले नागरिकों को भुगतान में आसानी होगी। यह पहल दोनों देशों के बीच डिजिटल और आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर यूनाइटेड किंगडम के लिए रवाना हो रहे हैं। इस यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के Trade Relations और Defence Partnership को और मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यात्रा से पहले जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे और कई द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे।
विदेश सचिव ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन की चौथी यात्रा है। इससे पहले वह 2015, 2018 और 2021 में ब्रिटेन जा चुके हैं। हाल के वर्षों में भारत-ब्रिटेन संबंधों में नई ऊर्जा देखने को मिली है, खासकर व्यापार और रक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में।
Trade Relations को नई ऊंचाई पर ले जाने का लक्ष्य
Trade Relations: भारत और ब्रिटेन के Trade Relations पहले से ही मजबूत हैं लेकिन इस यात्रा में इन्हें और आगे बढ़ाने की तैयारी है। विक्रम मिस्री ने बताया कि ब्रिटेन भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक है, जो अब तक 36 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है। वहीं भारत ने भी ब्रिटेन में 20 अरब डॉलर का निवेश किया है। ब्रिटेन में 1000 से ज्यादा भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं जो करीब 1 लाख लोगों को रोजगार देती हैं।
इसके अलावा, नीति आयोग और लंदन शहर के बीच यूके-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज के जरिए ग्रीन एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। इस आर्थिक भागीदारी से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती मिलेगी।