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क्या है गार्बेज कैफे? जिसका मन की बात में PM मोदी ने किया जिक्र, जानें 127वें एपिसोड की 7 बड़ी बातें

12:26 PM Oct 26, 2025 IST | Amit Kumar
PM Modi Mann ki Baat, PHOTO (social media)

PM Modi Mann ki Baat: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में स्वच्छता अभियान पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रही दो मज़बूत पहलों का ज़िक्र किया, जिन्हें देखकर यह साफ होता है कि अगर संकल्प लिया जाए तो बदलाव संभव है।

PM Modi mann ki Baat: मन की बात की 7 बड़ी बातें

Mann ki Baat Highlights

1. छत्तीसगढ़ — प्लास्टिक-कचरे से भोजन तक

छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में एक अनूठा प्रयास हुआ है। यहां  Municipal Corporation द्वारा ऐसे “गार्बेज कैफे” खोले गए हैं, जहाँ अगर कोई व्यक्ति प्लास्टिक कचरा लेकर आता है तो उसे भोजन दिया जाता है। मतलब यदि व्यक्ति 1 किलो प्लास्टिक कचरा देता है, तो उसे दोपहर या रात का भरपेट खाना मिलता है। इसके अलावा यदि वह ½ किलो प्लास्टिक कचरा जमा करता है, तो उसे नाश्ता मिलता है। यह पहल स्वच्छता को प्रोत्साहन देने का बेहतरीन तरीका है।

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PM Modi Mann ki Baat, PHOTO (social media)

2. कर्नाटक — झीलों को नया जीवन

दूसरी प्रेरणादायक कहानी है बेंगलुरु की। यहाँ इंजीनियर कपिल शर्मा और उनकी टीम ने शहर और आसपास के 40 कुओँ तथा 6 झीलों को पुनर्जीवित किया। इस मिशन में उन्होंने न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि कॉरपोरेट्स को भी शामिल किया। इसके साथ-साथ पेड़ लगाने का काम भी किया गया, जिससे न सिर्फ जल स्रोतों को सुधार मिला बल्कि पर्यावरण संबंधी भागीदारी भी बढ़ी।

3. सोशल-मीडिया के नए चेहरों की तारीफ

प्रधानमंत्री मोदी ने उन युवाओं की भी सराहना की जो अपनी भाषा और संस्कृति में वीडियो बनाकर सोशल-मीडिया पर सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे इनफ्लुएंसर्स ने लोगों में अपनी-अपनी भाषा और संस्कृति को लेकर गर्व जताने का नया तरीका पाया है, जो बेहद सकारात्मक संकेत है।

PM Modi Mann ki Baat, PHOTO (social media)

Mann ki Baat 127 Episode

4. स्वच्छता सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, अवसर भी

पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता को केवल एक कर्तव्य की तरह नहीं बल्कि बदलाव और सामाजिक भागीदारी का उपाय मानना चाहिए। उदाहरण-स्वरूप अम्बिकापुर और बेंगलुरु की पहलकदमी दिखाती है कि जब हम ठान लें, तो छोटे-छोटे कदम से भी बड़े बदलाव संभव हैं।

5. स्थानीय भागीदारी का महत्व

उन्होंने यह बात भी उभारी कि स्थानीय नागरिक, पर्यावरण-प्रेमी, कॉरपोरेट और सरकारी संस्थाएँ — सब मिलकर जब काम करें, तो परिणाम बेहतर निकलते हैं। बेंगलुरु में झीलों और कुओँ की सफाई में यही सामूहिक भागीदारी काम में आई।

PM Modi Mann ki Baat, PHOTO (social media)

6. प्रेरणा-पथ कहानियां

दोनों कहानियां — एक प्लास्टिक कचरा जमा करने से भोजन तक का अभियान, और दूसरी जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल — यह दिखाती हैं कि बदलाव सिर्फ सरकारी इंतज़ाम से नहीं बल्कि जनता के साथ मिलकर करने से होता है। मोदी ने कहा कि ये उदाहरण “जब ठान लिया जाए तो बदलाव आकर ही रहता है” का जीता-जागता प्रमाण हैं।

Mann ki baat Latest Updates

7. आगे क्या?

प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे स्वच्छता के यह प्रयास सिर्फ देखने नहीं बल्कि अपने-अपने शहर, मोहल्ला और क्षेत्र में उन्हें अपनाएँ। साथ ही, उन्होंने कहा कि भाषा-संस्कृति में काम कर रहे युवाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए, ताकि हमारी विविधता-भरी संस्कृति और मजबूत हो सके।

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