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PM मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात की और द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।

01:25 AM May 05, 2022 IST | Shera Rajput

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात की और द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।

pm मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात की और द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मोदी और मैक्रों की एक दूसरे से गले लगने की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पेरिस में मुलाकात की। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।’’
दोनों नेताओं की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होने से पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में मोदी और मैक्रों की अकेले में बातचीत हुई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘दो दोस्तों की मुलाकात। यह नया जनादेश प्राप्त कर आए इमैनुअल मैक्रों को भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को नयी गति देने का अवसर प्रदान करता है।’’
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उल्लेखनीय है कि मोदी तीन यूरोपीय देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव पर डेनमार्ग से पेरिस आए है। वह मैक्रों से गहन वार्ता करेंगे जो एक सप्ताह पहले ही दोबारा इस पद पर निर्वाचित हुए हैं।
मोदी की यह यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हो रही है जिसने रूस के खिलाफ यूरोप को अधिक एकजुट किया हैं
उम्मीद है कि दोनों नेता इस बात पर भी चर्चा कर सकते हैं कि यूक्रेन में शत्रुता की समाप्ति कैसे सुनिश्चित की जाए और कैसे इस संघर्ष के वैश्विक आर्थिक परिणामों को कम किया जाए।
फ्रांस के राष्ट्रपति भवन ‘एलिसी’ ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि मैक्रों ने रूस से इस विनाशकारी आक्रमण को समाप्त करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आग्रह किया।
यूक्रेन का मुद्दा बुधवार को कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी प्रमुखता से उठा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और फिनलैंड, आइसलैंड, स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क के उनके समकक्षों ने भाग लिया।
मोदी ने कहा है कि भारत का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई भी देश विजयी नहीं होगा क्योंकि सभी को नुकसान होगा और विकासशील और गरीब देशों पर इसका ‘‘अधिक गंभीर’’ प्रभाव पड़ेगा।
मोदी-मैक्रोंवार्ता का एक अन्य बिंदु हिंद-प्रशांत में क्षेत्र चुनौतियों से एकजुट होकर निपटना होगा जहां पर चीन अपनी ताकत दिखा रहा है।
मोदी ने यहां पहुंचने के तुरंत बाद ट्वीट किया किया फ्रांस भारत के सबसे मजबूत साझेदारों में से एक है, हमारे देश विविध क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।’’
राजनयिक सूत्रों ने कहा कि मैक्रों की चुनावी जीत के कुछ दिनों बाद उनसे मोदी की मुलाकात बेहद प्रतीकात्मक है। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात एक शक्तिशाली संकेत देती है कि दोनों नेता आने वाले वर्षों के लिए भारत-फ्रांस साझेदारी को अपनी विदेश नीति का मार्गदर्शक सिद्धांत बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि यह दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत समझ के स्तर का भी प्रदर्शित करती है, जो सहयोग के सभी क्षेत्रों में हमारे संयुक्त कार्यों को गति देता है।
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