PM मोदी ने विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश से की मुलाकात, उन्हें बताया 'भारत का गौरव'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश से मुलाकात की। पीएम मोदी ने 18 वर्षीय खिलाड़ी के साथ बातचीत की। डी. गुकेश ने इस महीने की शुरुआत में शतरंज में सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया था। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि शतरंज चैंपियन और भारत के गौरव, डी.गुकेश के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। मैं पिछले कुछ वर्षों से उनके साथ नजदीक से बातचीत कर रहा हूं, और जो बात मुझे उनके बारे में सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वह है उनका दृढ़ संकल्प और समर्पण। उनका आत्मविश्वास वास्तव में प्रेरणादायक है।
In the success of every athlete, their parents play a pivotal role. I complimented Gukesh’s parents for supporting him through thick and thin. Their dedication will inspire countless parents of young aspirants who dream of pursuing sports as a career. pic.twitter.com/8Iov7NnyzT
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2024
PM मोदी ने विश्व चैंपियन की सराहना की
वास्तव में मुझे याद है कि कुछ वर्ष पहले मैंने उनका एक वीडियो देखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि वे सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनना चाहते हैं। यह भविष्यवाणी अब उनके स्वयं के प्रयासों के कारण स्पष्ट रूप से सच हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व शतरंज चैंपियन की सराहना करते हुए कहा कि आत्मविश्वास के साथ-साथ गुकेश में शांति और विनम्रता की झलक मिलती है। जीतने के बाद वह शांत था, अपनी जीत का आनंद ले रहा था और इस बात को पूरी तरह से समझ रहा था कि इस कठिन जीत को कैसे प्राप्त किया। आज हमारी बातचीत योग और ध्यान की परिवर्तनकारी क्षमता के इर्द-गिर्द घूमती रही।
I am also delighted to have received from Gukesh the original chessboard from the game he won. The chessboard, autographed by both him and Ding Liren, is a cherished memento. pic.twitter.com/EcjpuGpYOC
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2024
गुकेश चीन के डिंग लिरेन को हराकर बने विश्व चैंपियन
प्रधानमंत्री ने उनकी सफलता में उनके माता-पिता की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हर एथलीट की सफलता में उनके माता-पिता की अहम भूमिका होती है। मैं गुकेश के माता-पिता की सराहना करता हूं कि उन्होंने हर मुश्किल परिस्थिति में उनका साथ दिया। उनका समर्पण उन युवा उम्मीदवारों के अनगिनत माता-पिता को प्रेरित करेगा जो खेल को करियर के रूप में अपनाने का सपना देखते हैं। 12 दिसंबर को, डी. गुकेश ने सिंगापुर में 14 गेम के मैच में चीन के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज में सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। गुकेश ने 14वें गेम में डिंग की गलती का फायदा उठाते हुए चैंपियन को हराकर मैच 7.5 से 6.5 से जीत लिया और विश्व शतरंज चैंपियन बनने वाले केवल दूसरे भारतीय बन गए।