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नवरात्रि के पांचवें दिन PM मोदी ने की मां स्कंदमाता की उपासना, देश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना

09:54 AM Sep 26, 2025 IST | Neha Singh
Mata Skandmata

PM Modi Navratri Pujan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की विशेष उपासना का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने माता स्कंदमाता से सभी भक्तों के लिए सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्रार्थना की।

PM Modi X Post: एक्स पर किया पोस्ट

पीएम मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, "नवरात्रि में आज माता के पांचवें स्वरूप देवी स्कंदमाता की विशेष उपासना होती है। उनसे करबद्ध प्रार्थना है कि वे अपने सभी भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद दें। उनके ममतामयी स्नेह से हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा और उमंग का संचार हो।"

PM Modi Navratri Pujan: भक्ति गीत शेयर किया

प्रधानमंत्री नवरात्रि के पहले दिन से ही रोजाना माता के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का उल्लेख सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं। इससे पहले, उन्होंने नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की एक बेहद खास और भावपूर्ण पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दक्षिण भारत की प्रसिद्ध गायिका पी. सुशीला द्वारा गाया गया भक्ति गीत 'जय जय देवी दुर्गा देवी' शेयर किया था।

Mata Skandmata: ममता और समृद्धि का प्रतीक हैं स्कंदमाता

माता स्कंदमाता को नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माता स्कंदमाता अपने भक्तों को ममता, शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। पुराणों के अनुसार, भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। कमल के आसन पर विराजमान होने से इन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है। चार भुजाओं वाली मां स्कंदमाता अभय मुद्रा में अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और गोद में छह मुख वाले बाल स्कंद को धारण करती हैं।

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Mata Skandmata

कमल पुष्प लिए यह देवी शांति, पवित्रता और सकारात्मकता की प्रतीक हैं। मां स्कंदमाता की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है और शत्रुओं का नाश होता है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री होने के कारण इनकी उपासना करने वाला भक्त तेजस्वी और कांतिमय बनता है। शास्त्रों में इनकी महिमा का वर्णन है कि इनकी भक्ति से भवसागर पार करना सरल हो जाता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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