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प्रधानमंत्री मोदी ने महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर दी श्रद्धांजलि

महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रधानमंत्री की विशेष श्रद्धांजलि

11:03 AM May 09, 2025 IST | Aishwarya Raj

महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रधानमंत्री की विशेष श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महान योद्धा महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक भावनात्मक पोस्ट के माध्यम से राष्ट्र की ओर से इस वीर सेनानी के प्रति सम्मान व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप ने जिस शौर्य और साहस का परिचय दिया, वह आज भी देश के वीर सपूतों के लिए मार्गदर्शक बना हुआ है। उनके अनुसार, महाराणा प्रताप का जीवन एक ऐसे राष्ट्रभक्त का उदाहरण है जिसने अत्याचार के विरुद्ध डटकर मुकाबला किया और कभी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप का पराक्रम भारतवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा और उनके आदर्श हर पीढ़ी को राष्ट्र सेवा के लिए उत्साहित करते रहेंगे।

प्रधानमंत्री का संदेश: ‘मां भारती को समर्पित पराक्रमी जीवन’

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा—

“देश के अमर सेनानी महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षा के लिए उन्होंने जिस साहस और शौर्य का परिचय दिया था, वह आज भी हमारे वीर-वीरांगनाओं के लिए पथ प्रदर्शक बना है। मां भारती को समर्पित उनका पराक्रमी जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”

इतिहास में महाराणा प्रताप की भूमिका

महाराणा प्रताप को भारतीय इतिहास में वीरता, आत्मसम्मान और मातृभूमि के प्रति अडिग निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। मेवाड़ के इस राजा ने मुगल साम्राज्य की अधीनता स्वीकार नहीं की और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जीवनभर संघर्ष किया। हल्दीघाटी के युद्ध में उनका पराक्रम आज भी देशवासियों की स्मृति में जीवित है।

अमृत काल में बढ़ती ऐतिहासिक चेतना

आजादी का अमृत महोत्सव और ‘इंडिया@2047’ के लक्ष्यों के तहत देश में ऐतिहासिक वीरों के योगदान को नए सिरे से याद किया जा रहा है। पीएम मोदी ने पहले भी कई बार महाराणा प्रताप को आत्मनिर्भरता और संकल्प का प्रतीक बताया है। प्रधानमंत्री का यह संदेश सिर्फ एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि देश की नई पीढ़ी को यह याद दिलाने की एक कोशिश भी है कि इतिहास के ये नायक आज भी हमारे विचारों और कार्यों को दिशा दे सकते हैं।

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