विकसित भारत की दिशा कर्तव्य भवन से तय होगी: PM Modi
PM Modi ने आज दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित Kartavya Bhavan का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अगस्त महीने की प्रमुखता को बताया और कहा कि अगस्त का महीना क्रांति का महीना है। 15 अगस्त से पहले हम आधुनिक भारत के निर्माण से जुड़ी उपलब्धियों के साक्षी बन रहे हैं। राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ, देश का नया संसद भवन, नया रक्षा भवन, भारत मंडपम, यशोभूमि, शहीदों को समर्पित नेशनल वॉर मेमोरियल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा और कर्तव्य भवन है।
राष्ट्र की दिशा तय होगी
PM Modi ने बताया कि अमृत काल के दौरान इन्हीं इमारतों में विकसित भारत की नीतियां तैयार की जाएंगी। विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण निर्णय होंगे और आने वाले दशकों में यहीं से राष्ट्र की दिशा तय होगी। मैं सभी देशवासियों को Kartavya Bhavan की बधाई देता हूं। काफी चर्चा के बाद हमने इस भवन का नाम 'कर्तव्य भवन' रखा है। 'कर्तव्य पथ' और 'कर्तव्य भवन' हमारे लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना को दर्शाते हैं।
#WATCH दिल्ली: कर्तव्य भवन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कितने ही देश जो हमारे साथ-साथ आज़ाद हुए थे वो तेज़ी से आगे बढ़ गए लेकिन भारत तब उस गति से आगे नहीं बढ़ पाया। अनेक वजह रही होंगी लेकिन अब हमारा दायित्व है कि हम समस्याओं को आने वाली पीढ़ियों के लिए छोड़कर… pic.twitter.com/dJ1czOMBBu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 6, 2025
कर्तव्य भवन की खासियत
PM Modi ने कर्तव्य भवन की खासियतों के बारे में बताया कि यह पहला कर्तव्य भवन है, जो बनकर तैयार हुआ है। कई और Kartavya Bhavan का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जब ये कार्यालय पास में शिफ्ट होंगे, तो कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य वातावरण और सुविधा उपलब्ध होगी। आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, कुत कार्य क्षमता बढ़ेगी और सरकार को किराए पर खर्च होने वाले 1,500 करोड़ की बचत भी होगी।
इन मंत्रालयों के होंगे कार्यालय
दिल्ली में कई मंत्रालय और विभाग के भवन को अब एक साथ लाने और बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। बता दें कि कर्तव्य भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। साथ ही इसमें दो बेसमेंट और सात तल बनाए गए हैं। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय शिफ्ट होंगे।