प्रधानमंत्री मोदी करतारपुर गलियारा यात्री टर्मिनल भवन का नौ नवंबर को करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेरा बाबा नानक में बने अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन (पीटीबी) का नौ (रिपीट नौ) नवंबर को उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसी के साथ भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों तरफ स्थित दो ऐतिहासिक गुरुद्वारों को जोड़ने वाला करतारपुर गलियारा औपचारिक तौर पर खुल जाएगा।
06:24 PM Oct 31, 2019 IST | Shera Rajput
Advertisement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेरा बाबा नानक में बने अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन (पीटीबी) का नौ नवंबर को उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसी के साथ भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों तरफ स्थित दो ऐतिहासिक गुरुद्वारों को जोड़ने वाला करतारपुर गलियारा औपचारिक तौर पर खुल जाएगा।
Advertisement
Advertisement
प्रधानमंत्री उद्घाटन के बाद इमारत से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
Advertisement
अधिकारियों ने बताया कि जनसभा को संबोधित करने के बाद वह सुल्तानपुर लोधी में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर आयोजित समारोहों में हिस्सा लेंगे।
यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पंजाब के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित गुरुद्वारे से जोड़ेगा जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है।
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने पाकिस्तान के करतारपुर में रावी नदी के किनारे स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे में अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे जो इसे श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल बनाता है।
करीब ढाई लाख वर्ग फुट में फैले इस टर्मिनल में उन सरकारी अधिकारियों की मेजबानी के लिए सुविधा केंद्र होगा जिनके पास श्रद्धालुओं के लिए परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने, जलपान केंद्रों, पार्किंग क्षेत्रों और सुरक्षा चौकियों की जिम्मेदारी होगी।
सरकार ने परियोजना के लिए 50 एकड़ जमीन अधिग्रहित की है जिसमें 5,000 यात्रियों के लिए प्रबंध किए जा सकते हैं।
178 करोड़ रुपये की लागत से बने करतारपुर गलियारे का शिलान्यास उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने नवंबर 2018 में किया था। यात्री टर्मिनल पर कुल 55 आव्रजक काउंटर बनाए गए हैं।
श्रद्धालुओं के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी लेकिन उन्हें पासपोर्ट ले जाना होगा।
निर्माण कार्य समय पर पूरा करने के लिए 1,800 से अधिक मजदूर कई शिफ्टों में काम कर रहे हैं जबकि 58 अत्यधिक टिकाऊ क्रेनों की भी मदद ली जा रही है।

Join Channel