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पीएम मोदी ने मन की बात में बताया, पांच वर्षों में गुजरात के गिर में कैसे बढ़ी शेरों की संख्या?

गिर में शेरों की जनगणना का अद्भुत परिणाम, संख्या में वृद्धि

12:49 PM May 25, 2025 IST | IANS

गिर में शेरों की जनगणना का अद्भुत परिणाम, संख्या में वृद्धि

पीएम मोदी ने मन की बात में बताया  पांच वर्षों में गुजरात के गिर में कैसे बढ़ी शेरों की संख्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में गुजरात के गिर में शेरों की संख्या में वृद्धि की खबर साझा की। पिछले पांच वर्षों में शेरों की आबादी 674 से बढ़कर 891 हो गई है। यह वृद्धि समाज में स्वामित्व की भावना और नई तकनीकों के उपयोग का परिणाम है। गिर के लोगों ने मिलकर इस बदलाव को संभव बनाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान देशवासियों को गुजरात के गिर में शेरों की संख्या में आई बढ़ोतरी की सुखद खबर सुनाई।

पीएम मोदी ने कहा, “शेरों से जुड़ी एक बड़ी अच्छी खबर आपको बताना चाहता हूं। पिछले केवल पांच वर्षों में गुजरात के गिर में शेरों की आबादी 674 से बढ़कर 891 हो गई है। शेर जनगणना के बाद सामने आई शेरों की यह संख्या बहुत उत्साहित करने वाली है। आप में से बहुत से लोग यह जानना चाह रहे होंगे कि आखिर यह एनिमल जनगणना होती कैसे है। यह एक्सरसाइज बहुत ही चुनौतीपूर्ण है।”

उन्होंने आगे कहा, “आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शेरों की जनगणना 11 जिलों में, 35 हजार वर्ग किलोमीटर के दायरे में की गई थी। जनगणना के लिए टीमों ने राउंड द क्लॉक यानी चौबीसों घंटे इन क्षेत्रों की निगरानी की। इस पूरे अभियान में वेरिफिकेशन और क्रॉस वेरिफिकेशन दोनों किए गए। इससे पूरी बारीकी से शेरों की गिनती का काम पूरा हो सका। पीएम मोदी ने कहा कि एशियाई शेर की आबादी में बढ़ोतरी यह दिखाती है कि जब समाज में स्वामित्व का भाव मजबूत होता है, तो कैसे शानदार नतीजे आते हैं।”

पीएम मोदी ने गिर के हालात को चुनौतीपूर्ण बताते हुए आगे लिखा, “कुछ दशक पहले गिर में हालात बहुत ही चुनौतीपूर्ण थे। लेकिन वहां के लोगों ने मिलकर बदलाव लाने का बीड़ा उठाया। वहां लेटेस्ट तकनीक के साथ ही ग्लोबल बेस्ट प्रेक्टिसेज को भी अपनाया गया। इसी दौरान गुजरात ऐसा पहला राज्य बना, जहां बड़े पैमाने पर फॉरेस्ट ऑफिसर के पद पर महिलाओं की तैनाती की गई। आज हम जो नतीजे देख रहे हैं, उसमें इन सभी का योगदान है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन के लिए हमें ऐसे ही हमेशा जागरूक और सतर्क रहना होगा।”

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