प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका का न्योता ठुकराया, कहा महा प्रभु की धरती पर जाना जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका का निमंत्रण अस्वीकार किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वाशिंगटन आने के निमंत्रण को ठुकरा दिया, ओडिशा में विकास परियोजनाओं के उद्घाटन को दी प्राथमिकता। मोदी ने कहा कि ओडिशा की पवित्र धरती पर होना अधिक महत्वपूर्ण। इजरायल-ईरान संघर्ष के चलते ट्रम्प को वाशिंगटन लौटना पड़ा, जिससे द्विपक्षीय बैठक संभव नहीं हो सकी।
पिछले सप्ताह कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाशिंगटन आने का आमंत्रण दिया था। हालांकि, पीएम मोदी ने इस निमंत्रण को ठुकराते हुए ओडिशा में विकास परियोजनाओं के उद्घाटन को प्राथमिकता दी। मोदी ने जनता मैदान में कहा, “महाप्रभु की इस पावन धरा पर होना मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण था।” प्रधानमंत्री मोदी इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने वाले थे, लेकिन पश्चिम एशिया में इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण ट्रम्प को अचानक वाशिंगटन लौटना पड़ा। इस कारण यह द्विपक्षीय बैठक संभव नहीं हो सकी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होती।
ओडिशा को मिला 18,600 करोड़ का विकास पैकेज
प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा में 105 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनका कुल मूल्य 18,600 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। इस दौरान राज्य में बीजेपी सरकार के एक साल पूरे होने का उत्सव भी मनाया गया।
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“ओडिशा भारत की संस्कृति का प्रतीक”: मोदी
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा को “भारत की विरासत का चमकता सितारा” बताया। उन्होंने कहा, “ओडिशा सदियों से हमारी संस्कृति और विरासत को समृद्ध करता आया है। विकास और विरासत के हमारे मंत्र के साथ, ओडिशा की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है।” इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के विकास में केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि ओडिशा का समृद्ध भविष्य नई भारत की तस्वीर को और निखारेगा।