2 जुलाई से पांच देशों की यात्रा पर रहेंगे PM Modi, जानें क्यों खास है ये दौरा?
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी सप्ताह में पांच देशों की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं. इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेना और वैश्विक दक्षिण के प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंधों को और मज़बूत करना है. इस यात्रा की शुरुआत 2 जुलाई से होगी और इसमें कई रणनीतिक द्विपक्षीय व बहुपक्षीय बैठकें शामिल रहेंगी. यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी रियो डी जेनेरियो में 6-7 जुलाई को आयोजित होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिक्स समूह, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका के साथ हाल ही में शामिल हुए मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं. इस बार के सम्मेलन में वैश्विक संघर्षों और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होनी है. ब्राजील, जो इस वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, उसने इस सम्मेलन की प्रमुख प्राथमिकताओं में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय सहयोग को स्थान दिया है.
इस मुद्दों पर किया जाएगा विचार
ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करने और घरेलू मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने के विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा. रूस जैसे सदस्य देश ब्रिक्स के अंतर्गत एक वैकल्पिक भुगतान प्रणाली विकसित करने के पक्षधर हैं, जिससे वैश्विक वित्तीय प्रणाली में एक संतुलन स्थापित किया जा सके.
भारत किस तरह करेगा इस मंच का उपयोग
सूत्रों के अनुसार, भारत इस मंच का उपयोग सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को उठाने और इस पर वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए कर सकता है. हाल ही में पाकिस्तान के साथ बढ़े तनावों के संदर्भ में भारत ब्रिक्स सदस्यों से आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का आग्रह कर सकता है. ब्रिक्स सम्मेलन के इतर, प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए वहां की नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे. यह यात्रा रणनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टियों से अहम मानी जा रही है.
शी जिनपिंग और पुतिन में लेंगे हिस्सा!
हालांकि कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस सम्मेलन में भागीदारी निश्चित नहीं है, फिर भी भारत ने अपने कार्यक्रम को यथावत रखने का निर्णय लिया है. यह दिखाता है कि भारत ब्रिक्स को केवल एक मंच नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखता है.
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