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पीएम मोदी 26 सितंबर को बिहार की महिलाओं को देंगे 7500 करोड़ की सौगात

02:02 AM Sep 26, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat
पीएम मोदी 26 सितंबर को बिहार की महिलाओं को देंगे 7500 करोड़ की सौगात
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 सितंबर को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना के तहत राज्य की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपए की राशि हस्तांतरित की जाएगी, जो कुल 7,500 करोड़ रुपए होगी। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार व आजीविका के अवसरों के माध्यम से उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार की गई है। राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला इसका लाभ ले सकेगी, जिससे वे अपनी पसंद के व्यवसाय या आजीविका गतिविधियां शुरू कर सकेंगी।

महिलाओं के खातों में 10,000 की राशि

इस योजना की शुरुआत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में, प्रत्येक लाभार्थी महिला के खाते में पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपए सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पैसों का सही और त्वरित वितरण सुनिश्चित होगा। शुरुआती अनुदान के रूप में 10,000 रुपए दिए जाएंगे, जबकि भविष्य में छह महीने की समीक्षा के बाद लाभार्थियों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा सकती है। इसके तहत हर महिला को अधिकतम 2 लाख रुपए तक की सहायता मिलने की संभावना है, जिससे उनकी स्वरोजगार परियोजनाओं और छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस तरह, एक महिला कुल मिलाकर 2,10,000 रुपए तक की आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकती है।

महिलाओं को केंद्र की आर्थिक मदद

योजना केवल वित्तीय मदद तक सीमित नहीं है। यह समुदाय-आधारित मॉडल पर काम करेगी, जिसमें स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय सामुदायिक संसाधनों का सहयोग मिलेगा। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण, व्यवसाय प्रबंधन, विपणन और उपज की बिक्री में मदद मिलेगी। राज्य सरकार इसके लिए ग्रामीण हाट-बाजारों और स्थानीय विपणन नेटवर्क को और विकसित करेगी, ताकि महिलाएं अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से बेच सकें और आय में वृद्धि कर सकें। इस पहल के माध्यम से न केवल महिलाओं को आर्थिक समर्थन मिलेगा, बल्कि उन्हें स्वरोजगार और आजीविका के लिए सक्षम बनाने के लिए एक समग्र मंच भी उपलब्ध होगा। इससे महिलाओं की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और समाज में महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा।

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Rahul Kumar Rawat

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