तीसरी बार सऊदी अरब जाएंगे पीएम मोदी, 2016 और 2019 में भी किया था दौरा
IMEEC को दोबारा गति देने की कोशिश, सऊदी की भूमिका सबसे अहम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब की यात्रा पर जाएंगे। यह उनका तीसरा दौरा होगा, इससे पहले 2016 और 2019 में भी उन्होंने सऊदी की यात्रा की थी। इस बार का दौरा व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, IMEEC और रक्षा साझेदारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होगा। यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है, जब अमेरिका ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत की कोशिश कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार सऊदी अरब की यात्रा पर 22-23 अप्रैल को जा रहे हैं। इससे पहले वह 2016 और 2019 में दो बार सऊदी जा चुके हैं। इस बार का दौरा रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, IMEEC (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर) को फिर से सक्रिय करने और रक्षा साझेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। यूएई, इज़राइल और इटली जैसे देशों के वरिष्ठ नेताओं के दौरे के बाद अब भारत इस योजना को आगे बढ़ाने की तैयारी में है।यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब अमेरिका ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत की कोशिश कर रहा है।
जेद्दाह में क्राउन प्रिंस से मुलाकात, बदलते समीकरणों के बीच अहम बातचीत
मोदी के इस दौरे के दौरान सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से जेद्दाह में मुलाकात तय मानी जा रही है। यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब अमेरिका ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत की कोशिश कर रहा है और इज़राइल ने हमास और हिज़्बुल्ला पर बड़ा दबाव बनाया है। ऐसे में वेस्ट एशिया में भारत की भागीदारी और स्थिरता बनाए रखने की कोशिशें और भी महत्वपूर्ण हो गई हैं।
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IMEEC को दोबारा गति देने की कोशिश, सऊदी की भूमिका सबसे अहम
IMEEC यानी इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर की योजना पिछले कुछ वर्षों से पश्चिम एशिया के तनावों के कारण धीमी हो गई थी, खासकर 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर हुए आतंकी हमले के बाद। भारत अब इस प्रोजेक्ट को पुनर्जीवित करना चाहता है, और सऊदी अरब इसमें एक महत्वपूर्ण भागीदार है। यूएई, इज़राइल और इटली जैसे देशों के वरिष्ठ नेताओं के दौरे के बाद अब भारत इस योजना को आगे बढ़ाने की तैयारी में है।