PM Modi ने की यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
रूस और यूक्रेन देश के बीच युद्ध बढ़ता जा रहा है। इसी बीच PM Modi ने आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की। इस दौरान President Zelensky ने यूक्रेन से जुड़े ताजा घटनाक्रमों के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी और PM मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की का आभार व्यक्त करते हुए यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और जल्द से जल्द शांति स्थापित करने के लिए भारत की मजबूत स्थिति को दोहराया साथ ही भारत की ओर से हरसंभव समर्थन प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई।
PM Modi ने दी जानकारी
Glad to speak with President Zelenskyy and hear his perspectives on recent developments. I conveyed India’s consistent position on the need for an early and peaceful resolution of the conflict. India remains committed to making every possible contribution in this regard, as well…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 11, 2025
पीएम मोदी ने बताया कि राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करके और ताजा घटनाक्रमों पर उनके विचार जानकर खुशी हुई है। बता दें कि PM Modi ने जल्द और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर भारत की दृढ़ स्थिति पर चर्चा की और भारत इस संबंध में हर संभव योगदान देने और यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
President Zelensky ने जताया आभार
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंबी बातचीत की। हमने हमारी द्विपक्षीय सहयोग सहित सभी महत्वपूर्ण मुद्दो पर विस्तार से चर्चा की। मैं PM Modi का हमारे लोगों के प्रति उनके गर्मजोशी भरे समर्थन के लिए आभारी हूं।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा
PM Modi और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बातचीत के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की इस दौरान युक्रन के शहरों, गांवों और जोपोरिजिया में बस स्टेशन पर हुए रूसी हमलों के बारे में जानकारी दी गई। रूस के जानबूझकर किए गए बमबारी में दर्जनों लोग घायल हुए। रूस युद्धविराम के लिए तत्परता दिखाने के बजाय केवल कब्जे और हत्याओं को जारी रखने की अपनी इच्छा दिखा रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस रुख को साझा करता है।
रूस पर प्रतिबंधों पर चर्चा
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ताजा बमबारी के साथ ही रूस पर प्रतिबंधों को लेकर भी चर्चा की और हमने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों पर भी विस्तार से चर्चा की। इस दौरान कहा गया कि रूसी ऊर्जा और तेल के निर्यात को सीमित करना आवश्यक है, जिससे इस युद्ध को जारी रखने के लिए रूस की क्षमता और संसाधनों को कम किया जा सके।
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