PM Narendra Modi ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से की मुलाकात
वीर बाल दिवस पर पीएम मोदी ने बच्चों से की बातचीत
Prime Minister Narendra Modi ने गुरुवार को नई दिल्ली के भारत मंडप में वीर बाल दिवस के आयोजन में हिस्सा लिया। उन्होंने 2024 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में सात श्रेणियों में 17 बच्चों को उनकी अद्वितीय उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर, पीएम मोदी सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान का भी शुभारंभ करेंगे।
PMO की एक विज्ञप्ति के अनुसार, सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान का उद्देश्य पोषण संबंधी सेवाओं के कार्यान्वयन को मजबूत करके और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करके पोषण परिणामों और कल्याण में सुधार करना है। PMO की विज्ञप्ति में कहा गया है कि युवा दिमागों को जोड़ने, दिन के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और राष्ट्र के प्रति साहस और समर्पण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश भर में विभिन्न पहल भी चलाई जाएंगी।
MyGov और MyBharat पोर्टल के जरिए इंटरैक्टिव क्विज़ समेत ऑनलाइन प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। स्कूलों, बाल देखभाल संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों में कहानी सुनाना, रचनात्मक लेखन और पोस्टर बनाने जैसी रोचक गतिविधियाँ की जाएंगी।
9 जनवरी, 2022 को पीएम मोदी ने घोषणा की कि 26 दिसंबर को साहिबजादों (गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों) की वीरता और न्याय की खोज को सम्मानित करने के लिए ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इससे पहले पीएम मोदी ने ‘साहिबजादों’ को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी बहादुरी और बलिदान को स्मरण किया।
X पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत कम उम्र में, वे अपने विश्वास और सिद्धांतों पर दृढ़ रहे, अपने साहस से पीढ़ियों को प्रेरित किया और उनका बलिदान वीरता और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘आज वीर बाल दिवस पर हम साहिबजादों की अद्वितीय बहादुरी और बलिदान को याद करते हैं। कम उम्र में ही वे अपने विश्वास और सिद्धांतों पर अडिग रहे और अपने साहस से पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनका बलिदान वीरता और अपने मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण है। हम माता गुजरी जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की बहादुरी को भी याद करते हैं। वे हमेशा हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और दयालु समाज के निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन करें।’