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पीएमएफबीवाई में होगा बदलाव!

इसमें ऐसे प्राकृतिक जोखिम जिन्हें रोका नहीं जा सकता है, से बचाव को बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक की अवधि के लिए वृहद फसल बीमा उपलब्ध कराया जाता है।

07:25 AM Jul 16, 2019 IST | Desk Team

इसमें ऐसे प्राकृतिक जोखिम जिन्हें रोका नहीं जा सकता है, से बचाव को बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक की अवधि के लिए वृहद फसल बीमा उपलब्ध कराया जाता है।

नई दिल्ली : केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में कुछ प्रमुख बदलाव करने की तैयारी कर रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके तहत सरकार का इरादा सभी किसानों के लिए फसल बीमा को स्वैच्छिक बनाने, ऊंचे प्रीमियम वाली फसलों को हटाने, राज्यों को विशिष्ट ग्राहक की जरूरत के अनुरूप उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए लचीलापन देने का है। 
अधिकारी ने कहा कि लोगों के बीच से यह धारणा दूर करने को कि बीमा कंपनियां इस योजना से मुनाफा कमा रही हैं, कृषि मंत्रालय ने राज्य के स्तर के निवेश कोष का गठन करने और बचत को राष्ट्रीय स्तर के बीमा जोखिम में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया है। अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा यह भी सुझाव दिया गया है कि योजना के तहत किसी फसल के लिए सिंचित क्षेत्र 50 प्रतिशत से अधिक होने पर कवरेज के लिए प्रीमियम की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत और फसल में सिंचित क्षेत्र 50 प्रतिशत से कम है तो प्रीमियम की सीमा 30 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया गया है। इसमें हर साल संशोधन की सिफारिश है। 
पीएमएफबीवाई अप्रैल, 2016 में शुरू की गई थी। इसमें ऐसे प्राकृतिक जोखिम जिन्हें रोका नहीं जा सकता है, से बचाव को बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक की अवधि के लिए वृहद फसल बीमा उपलब्ध कराया जाता है। इसमें खरीफ फसल के लिए निचली दो प्रतिशत की प्रीमियम दर लगती है। वहीं रबी फसल के लिए यह दर 1.5 प्रतिशत तथा बागवानी तथा वाणिज्यिक फसलों के लिए यह पांच प्रतिशत है।
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