W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

लॉकडाउन से प्रवासी श्रमिकों में बढ़ी घबराहट, पलायन रोकने के लिए PMO बना रहा है मास्टर प्लान

भारत में कोविड-19 मामलों में हुई अचानक वृद्धि के बीच प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को रोकना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की सबसे बड़ी प्राथमिकता लगती है।

11:25 AM Apr 09, 2021 IST | Ujjwal Jain

भारत में कोविड-19 मामलों में हुई अचानक वृद्धि के बीच प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को रोकना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की सबसे बड़ी प्राथमिकता लगती है।

लॉकडाउन से प्रवासी श्रमिकों में बढ़ी घबराहट  पलायन रोकने के लिए pmo बना रहा है मास्टर प्लान
Advertisement
भारत में कोविड-19 मामलों में हुई अचानक वृद्धि के बीच प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को रोकना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की सबसे बड़ी प्राथमिकता लगती है। इसमें खासतौर पर वो श्रमिक शामिल हैं, जो प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते हैं।पिछले साल जैसी घबराहट की स्थिति को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन, रेलवे और सरकार मुंबई समेत प्रमुख शहरों से मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए एक विस्तृत योजना पर काम कर रही है।
Advertisement
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि मुंबई और अन्य महानगरों के औद्योगिक इलाकों के स्थानीय प्रशासन को कहा गया है कि वे फैक्ट्री प्रबंधन, श्रमिक संघों और संबंधित समूहों से संपर्क करें, ताकि प्रवासी श्रमिकों को अचानक बढ़े मामलों से डरने के लिए मना किया जा सके। साथ ही औद्योगिक निकायों और कारखानों के मैनेजमेंट को टीकाकरण की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
Advertisement
दरअसल, पीएमओ प्रवासी श्रमिकों को लेकर खासा चिंतित है और श्रमिकों के पलायन को रोकना चाहता है, क्योंकि इसके कारण पिछले साल कई नौकरियां गईं और लोगों को बहुत दुख-मुश्किलें झेलनी पड़ीं। चूंकि बुधवार की रात बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों के झुंड बांद्रा, दादरा और चर्चगेट के रेलवे स्टेशनों पर देखे गए, इससे यह डर पैदा हो गया कि बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया है और इससे कारखानों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
Advertisement
आरपीएफ के महानिदेशक (महानिदेशक) अरुण कुमार ने कहा, मैंने मुंबई में पश्चिम रेलवे के आईजी और आरपीएफ सेंट्रल रेलवे से बात की है। मैं बता दूं कि मुंबई में रात के कर्फ्यू के कारण श्रमिकों के कई समूह अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर रहे लेकिन कर्फ्यू हटने पर वे अपने कारखानों में वापस लौट आए। प्लेटफार्मों पर देखी गई भीड़ मुख्य रूप से गर्मियों में चल रही विशेष ट्रेनों में सवार होने के लिए इंतजार कर रहे यात्रियों की थी।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के रिवर्स माइग्रेशन से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि मार्च 2020 के दौरान कई लाख प्रवासी कामगार अपने गांव लौटे थे। लॉकडाउन के कारण ट्रेन समेत परिवहन के सभी साधन बंद होने के कारण कई प्रवासी पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी घटनाओं से बहुत परेशान थे। जिसके कारण गरीब मजदूरों को पैदल चलना पड़ा था और इस दौरान उन्हें कई बार भोजन भी नहीं मिला था। इस बार हम सतर्क हैं। सरकार नहीं चाहती है कि ऐसा फिर से हो। मजदूरों के बड़े पैमाने पर पलायन को रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। श्रमिकों की सेहत और देश का औद्योगिक उत्पादन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
Author Image

Ujjwal Jain

View all posts

Advertisement
Advertisement
×