For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

शिवराज सरकार की मंत्री पर 1 हजार करोड़ की रिश्वत का आरोप, PMO ने दिए जांच के आदेश

01:35 PM Jul 01, 2025 IST | Priya
शिवराज सरकार की मंत्री पर 1 हजार करोड़ की रिश्वत का आरोप  pmo ने दिए जांच के आदेश

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री और आदिवासी नेता संपतिया उइके एक बड़े भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गई हैं। जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार से मिले 30,000 करोड़ रुपये के फंड में कथित 1000 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोपों ने प्रदेश की राजनीति में उबाल ला दिया है। हैरानी की बात यह है कि मंत्री के ही विभाग ने उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश जारी किए हैं, जो बाद में खंडन भी कर दिए गए। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने राज्य सरकार से सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट में मिशन के पहले चरण के फंड के उपयोग और खर्च की जांच के साथ-साथ मंत्री और संबंधित अधिकारियों की संपत्ति का विवरण मांगा गया है।

शिकायत के आधार पर हुआ जांच आदेश
यह पूरा मामला तब तूल पकड़ गया जब पूर्व विधायक किशोर समरीते ने 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत पत्र भेजा। इसमें आरोप लगाया गया कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र से आए 30 हजार करोड़ रुपये के फंड में से 1000 करोड़ रुपये मंत्री उइके ने कमीशन के रूप में लिए।

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि विभाग के कई कार्यपालन यंत्री और अन्य अधिकारी भी इस कमीशन वसूली में शामिल थे। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता संजय अधवान ने मंत्री के खिलाफ ही जांच का आदेश जारी कर दिया। हालांकि, विभाग ने बाद में इस आदेश का खंडन किया और कहा कि जांच का आशय स्पष्ट रूप से विभागीय प्रक्रिया की पुष्टि करना मात्र है।

विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला
जैसे ही मामला सामने आया, राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। विपक्ष ने इसे सरकार की सबसे बड़ी नाकामी और भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया। कांग्रेस ने पूरे मामले में CBI जांच की मांग की है और कहा है कि यदि जांच निष्पक्ष न हुई तो वे उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उपनेता प्रतिपक्ष उमंग कटारे ने कहा, “जांच उन्हीं अफसरों से करवाई जा रही है जो खुद सरकार के अधीन हैं। यह न्याय नहीं, मजाक है। जब तक जांच पूरी न हो जाए, मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में कांग्रेस इस पूरे मामले को प्रमुख मुद्दा बनाएगी।

मंत्री उइके की सफाई - "मैं बिल्कुल निर्दोष हूं"
मामला तूल पकड़ने के बाद मंत्री संपतिया उइके ने भी मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। अगर कोई जांच होनी है, तो जरूर हो। मुझे किसी भी जांच से कोई डर नहीं है। मुझे जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया अपनाती है, और यदि कोई शिकायत आती है तो स्वतः संज्ञान लेकर जांच करवाई जाती है। मंत्री ने कहा कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगी और उसके बाद मीडिया से रूबरू होकर हर सवाल का जवाब देंगी।

क्या है जल जीवन मिशन?
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराना है। मध्यप्रदेश को इस योजना के तहत केंद्र से लगभग 30,000 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त हुआ है, जिसका उपयोग जल आपूर्ति व्यवस्था विकसित करने में किया जाना था।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Advertisement
×