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श्री स्वर्ण मंदिर में छकाए जाने वाले लंगर से जीएसटी हटाने के लिए धरने पर बैठे नौजवानों को पुलिस ने खदेड़ा

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11:45 AM Mar 08, 2018 IST | Desk Team

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लुधियाना-अमृतसर : आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (पंजाब) द्वारा गुरू की नगरी में स्थित सचखंड हरिमंदिर साहिब में संगत को छकाए जाने वाले लंगर पर केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई जीएसटी को खत्म किए जाने की मांग को लेकर क्रमवार शांतमयी रोष धरने में शामिल लोगों को पंजाब पुलिस द्वारा आज उस वक्त खदेड़ दिया गया जब वे पंजाब कनवीनर स. मनजीत सिंह की अगुवाई में रोषपूर्ण धरने पर अपने समर्थकों के साथ बैठे हुए थे, प्रदर्शनकारियों का कहना था कि टैक्स वसूलना भले ही सरकार का अधिकार है परंतु उन्हें धार्मिक स्थानों जहां प्रतिदिन लाखों की गिनती में देश-विदेश के कोने-कोने से आए हुए श्रद्धालु लंगर छककर पेट भरते है, वहां पर जीएसटी लगाए जाना एक प्रकार का जजिया टैक्स है, जोकि मौजूदा सरकार से पहले मुगल शासकों द्वारा हिंदुओं से वसूला जाता था।

उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि गुरू घर से लंगर प्रथा चलती आ रही है और भारत और विदेशीयों द्वारा शासन के वक्त किसी भी शासन ने गुरू घर के लंगर पर किसी भी प्रकार का टैक्स लगाने की हिमाकत नहीं की, जबकि आजाद भारत की भाजपा सरकार ने हिंदू भाईचारे के धार्मिक स्थल तिरूपति बालाजी को जीएसटी से मुक्त रखते हुए देश के सर्वप्रिय और सर्वोच्च धाॢमक स्थान श्रीहरिमंदिर साहिब के लंगर पर जीएसटी लागू रखकर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि बेशक सिख कौम बिना किसी भेदभाव के लगातार 450 सालों से लंगर की सेवा करके मानवता की सेवा करती आ रही है परंतु एक ही देश में हिंदू धार्मिक स्थान के लिए अलग और सिख धार्मिक स्थान के लिए कानूनी मापदंड अपनाकर केंद्र सरकार द्वारा दोहरे मापदंड अपनाएं जा रहे है। इस प्रकार सिखों को दूसरे दर्जे के नागरिक होने का अहसास करवाया जा रहा है, जो निंदनीय है। दरबार साहिब के बाहर विरासती मार्ग पर धरने पर बैठे उक्त जत्थेबंदी के सदस्यों को अगली कार्यवाही के लिए पुलिस थाना कोतवाली में ले जाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 3 दिन पहले लंगर प्रथा से जीएसटी हटाए जाने की मांग को लेकर उक्त लोग धरना लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे। आज अमृतसर के एसएसपी गुरजीत सिंह औजला भारी पुलिस संख्या को लेकर मौके पर पहुंचे और कुछ ही देर बाद पुलिस ने भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को धक्के मार-मारकर भगा दिया। पुलिस कर्मचारियों ने भूख हड़ताल पर बैठी महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की। यह समस्त कार्यवाही मीडिया के कैमरों में कैद हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि धरना प्रदर्शन लगाना गैर कानूनी है। परंतु आम जनता में यह सवाल उठा है कि दो दिनों तक पुलिस ने इसके विरूद्ध कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? संसद सदस्य

गुरजीत सिंह औजला का कहना है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि लंगर से जीएसटी खत्म करें परंतु उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि पंजाब सरकार अपने हिस्से को क्यों नहीं छोड़ती। कांग्रेस पार्टी के एमपी स. औजला जब तक भूख हड़तालियों के पास मनाने के लिए बैठे रहें तब तक पुलिस ने किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया लेकिन जैसे ही वे अपने लवलश्कर के साथ चले गए तो पुलिस ने लोगों को जबरी उठा दिया। इस संबंध में एसीपी नरेंद्र सिंह का कहना है कि यहां धरना लगाना गैर कानूनी है, इसलिए एक्शन लिया गया। उनके मुताबिक शहर के कुछ स्थानों पर धरना प्रदर्शन लगाने के लिए निश्चित घोषित स्थान है, वहां धरना लगाया जाना चाहिए।

– सुनीलराय कामरेड

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