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कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा

मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही रोक चर्चा कराने की मांग की।

09:31 AM Jun 26, 2019 IST | Desk Team

मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही रोक चर्चा कराने की मांग की।

कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा
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देहरादून : मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही रोक चर्चा कराने की मांग की। नियम 310 के तहत कांग्रेस ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में विधायकों ने समाज कल्याण और पर्यटन समेत विभिन्न विषयों से सम्बंधित सवाल उठाए। वृद्धा अवस्था पेंशन पति-पत्नी को न मिलने के सवाल पर समाज कल्याण मंत्री घिरे।
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कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने पूछा था सवाल कि पात्रता पूरी करने के बावजूद पति-पत्नी को पेंशन देने की बजाए पति की पेंशन क्यो बंद कर दी गई। मंत्री यशपाल आर्य ने  जवाब दिया कि अब ये व्यस्था है। इस पर भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना और विनोद चमोली ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि कैबिनेट के निर्णय को विभाग कैसे बदल सकता है।
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इसके बाद कार्यकारी संसदीय कार्यकारी मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि 2016 में कांग्रेस कार्यकाल में ये व्यवस्था हुई थी। साथ ही मंत्री आर्य ने कहा कि इस विषय पर विचार किया जाएगया। झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने पूछा कि क्या सरकार उत्तर प्रदेश की तरह उत्तराखंड में भी किसानों को सिंचाई अपासी माफ़ करने पर विचार कर रही है। सिंचाई मंत्री ने अपने जवाब में किसानों को सिंचाई अपासी माफ़ करने से इंकार किया। कहा कि नहरों, नलकूपों, लघुडाल नहरों से आपसी से हर साल 2.95 करोड़ प्राप्त होते हैं, जबकि हर साल व्यय 85 करोड़ रुपये है।
– सुनील तलवाड़
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