मेंगलुरु में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, कई को हिरासत में लेने के बाद छोड़ा
कर्नाटक के कई शहरों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ निषेधाज्ञा के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। वहीं, मंगलुरू में उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठी चार्ज किया और हवा में गोलियां चलाईं।
02:54 PM Dec 19, 2019 IST | Shera Rajput
Advertisement
कर्नाटक के कई शहरों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ निषेधाज्ञा के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। वहीं, मंगलुरू में उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठी चार्ज किया और हवा में गोलियां चलाईं।
Advertisement
Advertisement
इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित पूरे राज्य में प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
Advertisement
मंगलुरु में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी। जवाब में पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन इसका असर नहीं होने पर पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी।
धार्मिक उपदेशकों ने भी प्रार्थना स्थल पर लगे लाउड स्पीकर के जरिये शांति बनाए रखने और हिंसा नहीं करने की अपील की।
मंगलुरु के एक शीर्ष अधिकारी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’को बताया कि मंगलुरु के पुलिस आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से शुक्रवार रात बारह बजे तक शहर के केंद्रीय उपखंड में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी। इस उपखंड में कुल पांच पुलिस थाने आते हैं।
सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध करने के लिए बेंगलुरु की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोगों के उतरने के बाद पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई और चार से अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लगा दी गई।
कानून व्यवस्था की संवेदनशील अवस्था को देखते हुए प्रशासन ने बेंगलुरु, मैसुरु, कलबुर्गी, मंगलुरु, बेलगावी, हुब्बली, शिमोगा, हासन, चिकमंगलुरु और चिक्कबल्लापुर में गुरुवार से अगले तीन दिनों के लिए धारा 144 लागू कर दी है।
पुलिस ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात किए थे, लेकिन इसके बावजूद विभिन्न शहरों के अहम स्थानों पर प्रदर्शनकारी एकत्र हुए।
बेंगलुरु में मुख्य प्रदर्शन टाउन हॉल के पास हुआ जहां पर अन्य लोगों के साथ इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी शामिल हुए।
रामचंद्र गुहा जब ‘‘सीएए संविधान के खिलाफ है’’ लिखी तख्ती के साथ प्रदर्शन कर रहे थे तभी पुलिस उनका हाथ पकड़कर प्रदर्शनस्थल से दूर ले गई और प्रदर्शनकारियों को ले जाने के लिए सरकार द्वारा व्यवस्था की गई बस में बैठा दिया। हालांकि, रामचंद्र गुहा को बाद में छोड़ दिया गया।
रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिए जाने के बाद सैकड़ों की संख्या में और प्रदर्शनकारी जमा हो गए और पुलिस द्वारा उनको ले जाने के लिए तैयार बस अपर्याप्त साबित होने लगे। प्रदर्शन के चलते इलाके में ट्रैफिक जाम हो गया।
इसी तरह के प्रदर्शन हुब्बली, कलबुर्गी, हासन और शिमोगा में भी देखने को मिले। प्रदर्शनों के मद्देनजर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्यों में मुस्लिमों की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
उनका यह बयान राज्य सरकार की घोषणा के एक दिन बाद आया जिसमें सरकार ने कहा था कि वह शत प्रतिशत सीएए को लागू करेगी।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘मैं अल्पसंख्यक मुस्लिम भाइयों से अपील करता हूं कि यह कानून आपको को प्रभावित नहीं करेगा, आपके हितों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। कृपया कानून व्यवस्था को कायम रखने में सहयोग करें।’’
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हमने किसी को भी कानून के पक्ष में या विरोध में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है और धारा 144 लागू है।’’
प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाते हुए येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ यह यूटी खादर (कांग्रेस विधायक) जैसे लोगों की वजह से हो रहा है और अगर वे इसी तरह से अपनी गतिविधि जारी रखेंगे तो इसका उन्हें नतीजा भु्गतना पड़ेगा।’’
खादर ने हाल में दावा किया था कि अगर राज्य सरकार संशोधित नागरिकता कानून को लागू करने की कोशिश करेगी तो मिट्टी में मिल जाएगी।
येदियुरप्पा ने रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की घटना पर आश्चर्य व्यक्त किया और पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ संयम बरतने का निर्देश दिया।
पूरे राज्य में कथित तौर पर हालात खराब होने पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने येदियुरप्पा प्रदर्शन पर पर्दा डालने के लिए आलोचना की।
उन्होंने याद दिलाया कि कैसे ब्रिटिश राज में दमन की वजह से प्रदर्शन ने विराट रूप लिया।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘चाहे वह महात्मा गांधी हो या भगत सिंह, नेहरू या सरदार पटेल हो, सभी स्वत्रंता सेनानियों ने कई लोगों के साथ मिलकर ब्रिटिश दमन के बावजूद आजादी के लिए प्रदर्शन किया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ अधिक पुलिस कार्रवाई, और मजबूत प्रदर्शन। इतिहास महान शिक्षक है।’’
कांग्रेस नेता ने येदुरप्पा को फासीवादी ताकतों के खिलाफ खड़े होने की सलाह दी जो उन्हें कथित रूप से मुहरा की तरह इस्तेमाल कर रही है।
कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने भी भाजपा की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कल धारा 144, आज कानून का अनुपालन करने वाले नागरिकों की गिरफ्तारी, कल इंटरनेट सेवाओं का स्थगन, परसो कार्यकर्ताओं और राजनीतिक नेताओं की नजरबंदी। मोदी शाह के फासीवादी शासन में जिंदगी।’’
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी के राज्यसभा सदस्य राजीव गौड़ा और विधायक स्वामी रेड्डी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राज्य में धारा 144, खासतौर पर बेंगलुरु में लागू करने को चुनौती दी है।
बायोकॉन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने भी रामचंद्र गुहा की गिरफ्तारी पर आश्चर्य व्यक्त किया है।

Join Channel