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Kerala: High Court ने कहा- कोविड टीकाकरण के बाद जान गंवाने वालों की पहचान एवं मुआवजे को नीति बनायी जाए

केरल उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को कोविड-19 टीककारण के बाद के प्रभाव के चलते जान गंवानों की पहचान करने तथा उनके आश्रितों को मुआवजा देने के लिए ‘शीघ्र’ नीति बनाने का निर्देश दिया है।

07:11 PM Sep 04, 2022 IST | Desk Team

केरल उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को कोविड-19 टीककारण के बाद के प्रभाव के चलते जान गंवानों की पहचान करने तथा उनके आश्रितों को मुआवजा देने के लिए ‘शीघ्र’ नीति बनाने का निर्देश दिया है।

kerala  high court ने कहा  कोविड टीकाकरण के बाद जान गंवाने वालों की पहचान एवं मुआवजे को नीति बनायी जाए
 केरल उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को कोविड-19 टीककारण के बाद के प्रभाव के चलते जान गंवानों की पहचान करने तथा उनके आश्रितों को मुआवजा देने के लिए ‘शीघ्र’ नीति बनाने का निर्देश दिया है।
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न्यायमूर्ति वी. जी. अरुण ने एनडीएमए को ‘‘यथाशीघ्र’ जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया और कहा कि यह काम एक सितंबर की तिथि वाले उसके आदेश से तीन महीने के अंदर हो जाना चाहिए।न्यायमूर्ति अरुण ने कहा कि उनके सामने तीन ऐसे मामले सामने आये जिनमें दावा किया गया कि जिस व्यक्ति ने कोविड-19 टीका लगवाया उसकी बाद में मौत हो गयी।
अदालत ने कहा, ‘‘इसलिए, भले ही उनकी संख्या बहुत कम हो लेकिन ऐसी घटनाएं हैं जहां संदेह है कि टीकाकरण के बाद के प्रभाव के चलते लोगों ने दम तोड़ दिया। ऐसी स्थिति में प्रतिवादी नंबर दो (एनडीएमए) और आठ (स्वास्थ्य मंत्रालय) ऐसे मामलों की पहचान करने तथा मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने के दायित्व से बंधे हैं।’’
Kerala High Court To Revert To Virtual Hearings From Monday Amid COVID-19  Surge In State
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अदालत ने कहा, ‘‘ दूसरे प्रतिवादी (एनडीएमए) को कोविड-19 टीकाकरण के बाद के प्रभाव के चलते जान गंवाने वालों की पहचान करने और उनके आश्रितों को मुआवजा देने के लिए नीति/दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया जाता है। इस संबंध में जरूरी कार्रवाई यथाशीघ्र की जाए और वह भी तीन महीने के अंदर।’’अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि दस्तावेजों से ‘प्रथम दृष्टया पता चलता है’ कि याचिकाकर्ता के पति की टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के कारण मृत्यु हो गई। इस अदालती आदेश से पहले केंद्र ने अदालत को सूचित किया था कि अबतक ऐसी कोई नीति नहीं बनायी गयी है। अदालत एक महिला की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें याचिकाकर्ता ने अदालत से प्रतिवादियों (केंद्र एवं राज्य सरकार को) उसे और उसके बच्चे को उसी तरह अनुग्रह राशि देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है जिस तरह कोविड-19 से जान गंवाने वालों को दी गयी। उक्त महिला के पति की मृत्यु हो गई थी।
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