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राज्यसभा के लिए निर्वाचित कांग्रेस सदस्य सैयद नासिर हुसैन के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर लगाये गये पाकिस्तान-समर्थक नारे को लेकर बुधवार को कर्नाटक में राजनीतिक घमासान मच गया और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सिद्धरमैया सरकार के इस्तीफे की मांग की। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि अगर जांच में आरोप सही पाया गया तो विधानसभा और सचिवालय स्थित 'विधान सौध' के अंदर कथित तौर पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
Highlights
आरोप है कि मंगलवार को जब कांग्रेस कार्यकर्ता यहां राज्यसभा चुनाव में सैयद नासिर हुसैन की जीत का जश्न मना रहे थे तो कुछ लोगों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए थे। भाजपा ने इस मुद्दे पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और कांग्रेस सरकार की निंदा करते हुए बुधवार को बेलगावी, चित्रदुर्ग और मांड्या सहित राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किये। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर एफएसएल (फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) की रिपोर्ट यह साबित करती है कि पाकिस्तान के पक्ष में लगाया गया नारा सही है, तो इस संबंध में गंभीर कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने वालों को बचाने का कोई सवाल ही नहीं है।
सिद्धरमैया ने कहा, हमने (वीडियो में सुनाई दे रही) आवाज के नमूने को जांच के लिए एफएसएल भेज दिया है। जब रिपोर्ट आएगी और अगर यह सच साबित होगा कि किसी ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाये हैं तो ऐसे व्यक्ति को गंभीर सजा दी जाएगी।उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी ने ऐसा नारा लगाया है, तो उन्हें बख्शने का कोई सवाल ही नहीं है। अगर यह सच है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे, गंभीर कार्रवाई करेंगे।’’
इस मुद्दे पर कर्नाटक विधानसभा और परिषद की कार्यवाही बाधित की गयी।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले दोषियों को पकड़ने में ‘निष्क्रियता’ को लेकर कांग्रेस सरकार के इस्तीफे की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के आसन के निकट आकर विरोध प्रदर्शन किया तथा उस पर कथित नारे लगाने वालों को बचाने की कोशिश का आरोप लगाया। हालांकि सत्ता पक्ष ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया। विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि जांच चल रही है और कथित घटना से संबंधित वीडियो की सत्यता के बारे में जानने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि घटना सच है तो सरकार इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेगी और दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। राज्यसभा चुनाव में हुसैन की जीत का जश्न मनाते हुए उनके समर्थकों ने मंगलवार को कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए। घटना का एक कथित वीडियो टीवी समाचार चैनलों पर प्रसारित किया गया और यह सोशल मीडिया पर भी काफी तेजी से प्रसारित हो गया। परमेश्वर ने कहा, ‘‘ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी। मीडिया में इस घटना के बारे में दो तरह की खबरें हैं। कुछ लोगों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए जाने की पुष्टि की है, जबकि कुछ ने कहा कि उन्होंने ऐसे नारे लगते नहीं सुना। पुलिस ने मामला का स्वत: संज्ञान लेते हुए कल शाम छह बजे मामला दर्ज कर लिया है तथा जांच की जा रही है। भाजपा की शिकायत भी प्राथमिकी में जोड़ दी गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वैज्ञानिक तौर पर यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या ऐसे नारे लगाए गए थे। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अगर ऐसे नारे लगाए गए थे, तो सरकार किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इसमें शामिल व्यक्ति को कानून के दायरे में दंडित किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी राज्य में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी।
उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को देशभक्ति पर किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह उनके खून में है।
गृहमंत्री के बयान से असंतुष्ट नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा कि तमाम 'सबूत और वीडियो' होने के बावजूद सरकार अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि नारे लगाए गए थे और कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने किसी को पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया है, इससे पता चलता है कि पुलिस और सरकार किसी को बचाने के दबाव में है और कार्रवाई करने से डरती है। विधान परिषद में भी भाजपा सदस्य रवि कुमार ने कहा, यह सरकार संविधान विरोधी है। अगर विधान सौध में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं, तो यह शासन करने के लिए अयोग्य है। इस मौके पर कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य अब्दुल जब्बार ने कथित तौर पर रवि कुमार पर व्यक्तिगत तौर पर निशाना साधा। इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कुमार सहित भाजपा सदस्य आसन के समीप आ गए और कांग्रेस विधायक से भिड़ने के प्रयास में उनकी ओर जाने की कोशिश करते दिखे।
इससे सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। स्थिति नियंत्रण से बाहर होता देख विधान परिषद के सभापति बसवराज होराट्टी ने सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी, लेकिन हंगामे की स्थिति जारी रही। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई, जिसे शांत करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को हस्तक्षेप करना पड़ा।