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महाराष्ट्र में मचा सियासी घमासान, विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही का MVA नेताओं ने किया बहिष्कार

महा विकास आघाडी के नेताओं ने शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विधान भवन परिसर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट करते हुए उस पर विधानसभा और विधान परिषद में बोलने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया।

02:58 PM Dec 23, 2022 IST | Desk Team

महा विकास आघाडी के नेताओं ने शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विधान भवन परिसर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट करते हुए उस पर विधानसभा और विधान परिषद में बोलने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया।

महाराष्ट्र में मचा सियासी घमासान  विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही का mva नेताओं ने किया बहिष्कार
महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के नेताओं ने शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विधान भवन परिसर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट करते हुए उस पर विधानसभा और विधान परिषद में बोलने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए के नेताओं ने बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए राकांपा के वरिष्ठ विधायक जयंत पाटिल को निलंबित किए जाने की निंदा की।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे व भास्कर जाधव, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट, राकांपा नेता राजेश टोपे, धनंजय मुंडे, दिलीप वल्से पाटिल और अन्य को राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान काली पट्टी बांधे देखा गया। उन्होंने विधानमंडल की सीढ़ियों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष के सदस्यों को नहीं  बोलने दे रही सरकार
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कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”सरकार विपक्ष के सदस्यों को विधानमंडल में बोलने नहीं दे रही है, हम इसके विरोध में दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं।”आदित्य ठाकरे ने कहा, “जब तक स्पीकर हमें यह आश्वासन नहीं दे देते कि विपक्षी सदस्यों को बोलने का अवसर दिया जाएगा, तब तक हम बाहर रहेंगे। हम विभिन्न हस्तियों के खिलाफ राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी की टिप्पणी, भूमि आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री शिंदे की संलिप्तता और महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं।”
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