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मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर सियासी घमासान, कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बोला हमला

OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का मामला न्यायालय में लंबित है

08:48 AM Feb 14, 2025 IST | IANS

OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का मामला न्यायालय में लंबित है

मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर सियासी घमासान  कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बोला हमला

मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले ने सियासी रंग ले लिया है। कांग्रेस ने राज्य की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि जब अंतिम निर्णय आएगा तभी हमें सरकार की नीयत का पता चलेगा। राज्य में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का मामला न्यायालय में लंबित है, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का पक्ष पूरी ताकत से रखने जाने की बात कही है। उन्होंने विधि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर न्यायालय में चल रहे मामलों के जल्दी निपटारे के लिए पहल करने के साथ महाधिवक्ता को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने को कहा है।

इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का जो बयान आया है उसका स्वागत है, मगर नीयत ठीक नहीं दिखती। ऐसा इसलिए क्योंकि यह मामला पांच साल से लंबित है और इसके लिए राज्य सरकार दोषी है। इस मामले में सरकार की भावना ही गलत है। सरकार जनता के हित में बाद में सोचती है, पहले खुद के हित में सोचती है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया था, हमारी सोच राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से जनता को मजबूत करना था। उन्होंने आगे कहा, “अब मोहन यादव यह बात कहते हैं कि सभी अलग-अलग याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए लाने की बात कह रहे हैं। जब तक अंतिम निर्णय आएगा, तभी ही नीयत का पता चलेगा।

मुख्यमंत्री यादव द्वारा ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार की ओर से पहल किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार का ढुलमुल रवैया है। मेरी सरकार के समय कानून बनाकर ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भी 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बावजूद भाजपा की सरकार सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है और 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।

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