Nepal PM : नेपाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के मंत्रियों ने इस्तीफे पर बदला अपना फैसला
Nepal PM : नेपाल की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने अपना रुख बदलते हुए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली सरकार से तुरंत बाहर नहीं निकलने का फैसला किया है, जो सीपीएन-यूएमएल द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद राजनीतिक संकट से जूझ रही है। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के मंत्री गुरुवार को अपना इस्तीफा देने के लिए दहल के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन उनसे मुलाकात के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया।
Highlight :
- नेपाल के PM से मिलने के बाद RSP के मंत्रियों ने इस्तीफे पर बदला फैसला
- राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के मंत्री नहीं देंगे इस्तीफा
- उनसे जल्द ही फ्लोर टेस्ट देने को भी कहा
मंत्रियों ने नहीं दिया इस्तीफा
पार्टी के मुख्य सचेतक संतोष परियार ने मीडिया को बताया, हम प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल से इस्तीफे का पत्र लेकर मिलने गए थे। उन्होंने हमें बताया कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करेंगे और संसद का सामना करेंगे। हमने उनसे जल्द ही फ्लोर टेस्ट देने को भी कहा, लेकिन हमारे मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया। परियार चार मंत्रियों और आरएसपी के उपाध्यक्ष के साथ इस्तीफा देने के लिए दहल के आवास पर गए। बुधवार को अपने प्रमुख सहयोगी सीपीएन-यूएमएल के सरकार से बाहर होने के बाद दहल अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। सीपीएन-यूएमएल के सभी आठ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने नई सरकार बनाने के लिए किया गठबंधन
प्रतिनिधि सभा में दो सबसे बड़ी पार्टियों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने नई सरकार बनाने के लिए गठबंधन किया है। 275 सदस्यीय सदन में नेपाली कांग्रेस के पास 88 सीटें, सीपीएन-यूएमएल के पास 79, आरएसपी के पास 20 और दहल के नेतृत्व वाले माओवादी केंद्र के पास 32 सीटें हैं। संसद में अनिश्चितता का फायदा उठाते हुए दहल पाला बदल रहे हैं और विभिन्न राजनीतिक दलों से समर्थन जुटा रहे हैं। सीपीएन-यूएमएल द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद दहल ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है और उन्हें 30 दिनों में फ्लोर टेस्ट का सामना करना है।
20 महीनों में पीएम दहल को चार बार विश्वास मत का सामना करना पड़ा
उन्होंने अभी तक प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करने की तारीख की घोषणा नहीं की है। पिछले करीब 20 महीनों में पीएम दहल को चार बार विश्वास मत का सामना करना पड़ा है। इस साल मार्च में विश्वास मत में उन्हें 157 सदस्यों का समर्थन मिला था। 169 सांसदों का समर्थन मिलने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 25 दिसंबर 2022 को दहल को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
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