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लोग सांसद जी, मंत्री जी नहीं बोलते, मां मेनका के लिए प्रचार करने उतरे वरुण गांधी

04:02 PM May 23, 2024 IST
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Lok Sabha Election 2024: टिकट कटने के बाद लंबे समय तक पार्टी और चुनाव प्रचार अभियान से दूरी बनाने वाले बीजेपी नेता वरुण गांधी अब पार्टी के प्रचार के लिए आगे आए हैं. उन्होंने अपनी मां और सुल्तानपुर से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी के चुनाव प्रचार किया. वरुण गांधी ने लोगों को संबोधित किया और अपनी मां के लिए वोट मांगे. सुल्तानपुर की जनता को संबोधित करते हुए वरुण ने कहा, पूरे देश में 543 सांसदों के चुनाव हो रहे हैं. कई जगह बड़े-बड़े अनुभवी लोग और करिश्माई लोग चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन एक ही ऐसा क्षेत्र है पूरे देश में, जहां के सांसद को न कोई सांसद जी बुलाता है न, मंत्री जी बुलाता है और ना ही कोई नाम से बुलाता है. पूरे क्षेत्र में लोग उन्हें माता जी के नाम से बुलाते हैं.

Highlights

अमेठी-रायबरेली में रौनक

वरुण गांधी ने आगे कहा, 'हम लोग जब कुछ साल पहले सुल्तानपुर आए थे चुनाव लड़ने, तो पहली बार लोगों ने कहा कि जो अमेठी में रौनक है, जो रायबरेली में रौनक है, हम चाहते हैं कि सुल्तानपुर में भी ऐसी ही रौनक आए. आज मेरे लिए बड़े हर्ष की बात है कि देश में सुल्तानपुर का जब नाम लिया जाता है तो वह मुख्यधारा में प्रथम पंक्ति में लिया जाता है।

राहुल से वरुण गांधी की तुलना

वहीं वरुण के चुनाव प्रचार में उतरने को लेकर मेनका गांधी ने कहा, 'वो प्रचार करने तब आया, जब मैंने मांगा. ' राहुल गांधी से वरुण गांधी की तुलना करने पर मेनका गांधी ने कहा, 'सबके अपने-अपने रास्ते हैं, अपनी-अपनी किस्मत है. इससे ज्यादा मैं क्या बोलूंगी मैं. अगर काबिलियत है तो सब अपना रास्ता ढूंढेंगे. सबके अपने-अपने रास्ते हैं और अपने-अपने तरीके हैं.'

वरुण गांधी के टिकट कटने पर मेनका ने क्या बोला

पीलीभीत से वरुण के टिकट कटने पर मेनका गांधी ने कहा कि जो हो गया सो हो गया. आपको बता दें कि भाजपा ने वरुण गांधी की जगह उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से मैदान में उतारा ह पीलीभीत लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को एक भावनात्मक पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके साथ उनका रिश्ता आखिरी सांस तक बरकरार रहेगा. 1996 से ही पीलीभीत सीट मेनका गांधी या उनके बेटे के पास रही है. मेनका गांधी ने 1989 में जनता दल के टिकट पर सीट जीती, 1991 में हार गईं और 1996 में फिर से जीत गईं. उन्होंने 1998 और 1999 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. उन्होंने 2004 और 2014 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती. वरुण गांधी ने 2009 और 2019 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती थी.

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