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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को क्रेमलिन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध(Russia-Ukraine ) को लेकर भी अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते हैं, बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान करें।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए शांति अत्यधिक सर्वाधिक है। लेकिन, मैं ये भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान(Russia-Ukraine) संभव नहीं होते हैं। बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती है। और, हमें वार्ता के माध्यम से ही शांति के रास्ते अपनाने होते हैं। शांति बहाली के लिए भारत हर संभव सहयोग करने को तैयार है। मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है।
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम पिछले 20-25 सालों से चल रहा है, 22 बार हम मिल चुके हैं। लेकिन, ये ऐसी मीटिंग है कि पूरे विश्व का ध्यान मेरी इस यात्रा पर केंद्रित हुआ है और पूरा विश्व मेरी इस यात्रा से भांति-भांति मीनिंग निकाल रहा है। कल शाम हमने करीब 4-5 घंटे तक अनेक विषयों पर बातचीत की। मुझे खुशी है यूक्रेन के विषय में हम दोनों अपने-अपने खुले मन और विस्तार से चर्चा कर पाए।
इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन के सामने आतंकवाद का मुद्दा(Russia-Ukraine) उठाते हुए कहा, "पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद को झेल रहा है। आतंकवाद कितना भयानक और घिनौना होता है, वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं। ऐसे में जब मॉस्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा, इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं।