India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

बागियों को मानाने की कवायद जारी, सभी पार्टियों के नेता कर रहे संघर्ष

09:46 PM Nov 02, 2023 IST
Advertisement

मध्य प्रदेश में चुनावी खेल बिगाड़ने में लगे बागियों को मनाने में कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही कई स्थानों पर असफलता हाथ लगी है। नामांकन वापसी की तारीख निकलने के बाद कई विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होना तय हो गया है। राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए बागी उम्मीदवार मुसीबत बने तो दोनों ही दलों के प्रमुख नेताओं ने इन बागियों को मनाने की कोशिश की।

शेखर चैधरी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे

कई स्थानों पर जहां बड़े नेता बागियों को मनाने में सफल रहे तो कई ने नेताओं की बात सुनने से ही इनकार कर दिया। पहले हम बात कांग्रेस के बागियों की करते हैं। नरसिंहपुर की गोटेगांव विधानसभा सीट से शेखर चैधरी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, भोपाल उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी के चाचा आमिर अकील मैदान में हैं। इसके अलावा रतलाम के आलोट से कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, उज्जैन के बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी चुनाव लड़ रहे हैं।

विधायक ओम प्रकाश रघुवंशी ताल ठोक रहे

इसके अलावा जबलपुर की बरगी सीट से पूर्व विधायक के पुत्र जयकांत सिंह और सिवनी मालवा सीट से पूर्व विधायक ओम प्रकाश रघुवंशी ताल ठोक रहे हैं। भाजपा की बात करें तो बुरहानपुर से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह, टीकमगढ़ से पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

नंदराम कुशवाहा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया

मुरैना सीट से भाजपा के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह बसपा से मैदान में हैं। कटनी की बड़वारा सीट से पूर्व मंत्री मोती कश्यप सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह निवाड़ी विधानसभा सीट से नंदराम कुशवाहा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। राज्य में रूठों को मनाने के मामले की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल आधा दर्जन स्थानों पर अपने बागियों को मनाने में सफल रहे है।

Advertisement
Next Article