Poonam Pandey Controversy: लव कुश रामलीला समिति का बड़ा फैसला, Poonam Pandey नहीं बनेंगी मंदोदरी
Poonam Pandey Controversy: पुरानी दिल्ली के लाल किला मैदान में लव कुश रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला में पूनम पांडे अब मंदोदरी की भूमिका नहीं निभाएँगी। लोकप्रिय रामलीला के आयोजकों ने राजधानी में एक सम्मेलन आयोजित कर अपनी समिति के निर्णय की घोषणा की। यह निर्णय काफ़ी विचार-विमर्श के बाद लिया गया क्योंकि इस खबर के प्रकाशित होने के बाद से ही उन्हें समाज के विभिन्न वर्गों से लगातार आपत्तियाँ मिल रही थीं। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस वर्ष मंदोदरी (महाकाव्य रामायण में रावण की पत्नी) की भूमिका किसी अन्य कलाकार द्वारा निभाई जाएगी।
Poonam Pandey Controversy
कमेटी ने लिखा पत्र-हमें माफ करें

रामलीला आयोजन समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार और महासचिव सुभाष गोयल ने एक बयान में कहा: "पूनम पांडे ने समिति के निमंत्रण पर शुरुआत में मंदोदरी का किरदार निभाने के लिए हामी भरी थी। हालाँकि, उनके नाम की घोषणा के बाद, कई संस्थाओं और समूहों ने आपत्तियाँ उठाईं, जो समिति के अनुसार, रामलीला के मूल उद्देश्य - भगवान श्री राम के संदेश को समाज तक पहुँचाने - में बाधा बन सकती हैं।"
समिति ने पूनम पांडे को भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी दी हैं और उम्मीद जताई है कि वह उनके फैसले को समझेंगी और स्वीकार करेंगी। इस बीच, अभिनेत्री ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए एक वीडियो संदेश में घोषणा की थी कि वह इस भूमिका को निभाने के लिए उत्सुक हैं और खुद को शुद्ध करने की प्रक्रिया में, उन्होंने नवरात्रि के सभी नौ दिन उपवास रखने का फैसला किया है।
पूनम पांडे ने किया था पोस्ट

बता दें कि कल ही यानी सोमवार को ही पूनम पांडे ने एक वीडियो भी शेयर किया था और उसके जरिए बताया था कि वो इस किरदार को निभाने के लिए कितनी उत्साहित हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि मैं नवरात्र के लिए पूरे नौ दिनों का व्रत भी रखूंगी। मंदोदरी को रोल मिलने के बाद से ही उनके खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई जा रही थी और इस विवाद को देखते हुए ही कमेटी ने ये फैसला लिया कि उन्हें इस रोल से हटा दिया जाए। अब उनकी जगह मंदोदरी का किरदार कोई और निभाएगा।
इंदौर के महामंडलेश्वर ने जताई थी आपत्ति

इससे पहले मंगलवार को इंदौर में महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने भी कड़ा बयान देते हुए कहा कि पूनम पांडे इस भूमिका के योग्य नहीं हैं। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि मंदोदरी का चरित्र आदर्श और मर्यादा का प्रतीक है, जबकि पूनम पांडे की छवि उस पवित्रता के अनुरूप नहीं है। कंप्यूटर बाबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "पूनम पांडे मंदोदरी के लायक नहीं हैं, वह तो शूर्पणखा के किरदार के लिए उपयुक्त लगती हैं।"
उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा, "रामलीला में अलग-अलग पात्र होते हैं, तो किसी को राम, सीता या रावण का किरदार उसकी छवि और व्यक्तित्व को देखकर दिया जाता है। ऐसे में यदि पात्रों का चयन उनकी छवि के विपरीत किया जाएगा तो धार्मिक भावनाएं आहत होंगी।”
बाबा ने आयोजकों से मांग करते हुए कहा था कि पूनम पांडे को मंदोदरी की जगह अन्य कोई भूमिका दी जाए, ताकि श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि समय रहते इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो संत समाज व्यापक स्तर पर विरोध करेगा। इस पूरे मामले पर संत समाज का कहना था कि धार्मिक आयोजनों में पात्रों का चयन सोच-समझकर होना चाहिए, क्योंकि रामलीला केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आस्था और आदर्शों का मंचन है।