कौन हैं कलेक्टर ब्रो IAS प्रशांत नायर? जनता की सेवा, बच्चों के लिए दिया पढ़ाई का खर्च, फिर क्यों हुए सस्पेंड
Prasanth Nair IAS success Story: आईएएस ऑफिसर प्रशांत नायर अपने शानदार काम, सोशल मीडिया के बेहतरीन इस्तेमाल के लिए पूरे केरल में मशहूर हैं। 2007 बैच के केरल कैडर से जुड़े प्रशांत नायर मूल रूप से कोझिकोड जिले के रहने वाले हैं। कोझिकोड के जिला कलेक्टर के रूप में उन्होंने कई ऐसी पहलें शुरू कीं, जिनकी वजह से लोग उन्हें प्यार से ‘कलेक्टर ब्रो’ कहने लगे। उनका करियर जहां एक तरफ उपलब्धियों से भरा है, वहीं कुछ विवादों की वजह से भी चर्चा में रहा है।
Prasanth Nair IAS success Story: शुरुआती शिक्षा और सिविल सेवा में चयन
प्रशांत नायर की शैक्षणिक करियर की बात करें तो, आईएएस बनने से पहले उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उन्होंने तिरुवनंतपुरम स्थित सरकारी लॉ कॉलेज (केरल यूनिवर्सिटी से संबद्ध) से कानून की डिग्री प्राप्त की। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और वर्ष 2007 में 73वीं रैंक हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए। अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में भी वह स्वयं को “कानून का आजीवन छात्र” बताते हैं, जिससे साफ है कि वह लगातार सीखते रहने में विश्वास रखते हैं।

Prasanth Nair IAS Story: कलेक्टर ब्रो के रूप में हुए फेमस
कोझिकोड के कलेक्टर रहते हुए प्रशांत नायर ने कई नवाचार किए, जिनका सीधा लाभ आम लोगों को मिला। समस्याओं को जल्दी हल करने की उनकी क्षमता, जनता से सहज संवाद और सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता ने उन्हें युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया। उनका इंस्टाग्राम यूजरनेम भी bro_swamy है, जो उनकी अनोखी पहचान को और मजबूत करता है। सोशल प्लेटफॉर्म्स पर जनता की समस्याओं का तुरंत जवाब देना और मनोरंजक अंदाज में संवाद करना उनकी खासियत रही है।

Prasanth Nair net worth: विवादों में फंसने की वजह
हालांकि उनकी छवि एक तेज, निष्पक्ष और जनता के हित में काम करने वाले अधिकारी की रही है, लेकिन वे कुछ प्रशासनिक विवादों में भी आए। साल 2023 के अंत में, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (Central Deputation) से वापस लौटने के बाद वे निर्धारित समय पर राज्य सरकार को रिपोर्ट नहीं कर पाए। इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए केरल सरकार ने उन्हें निलंबित (सस्पेंड) कर दिया। यह कार्रवाई अनुशासनात्मक प्रक्रिया के तहत की गई थी। बाद में उन्हें सेवा में बहाल कर दिया गया, लेकिन निलंबन की अवधि को छह महीने और बढ़ा दिया गया, जिससे यह मामला दोबारा सुर्खियों में आ गया।
कानून के प्रति उनकी रुचि
प्रशांत नायर केवल प्रशासनिक कार्यों तक सीमित नहीं हैं। कानून में उनकी गहरी रुचि हमेशा से रही है। एलएलबी की पढ़ाई और उसके बाद भी कानूनी विषयों में निरंतर सीखने की उनकी प्रवृत्ति उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बनाती है। उनका मानना है कि एक प्रशासक के लिए कानून की समझ बेहद जरूरी है, ताकि वह सही और न्यायसम्मत निर्णय ले सके।
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