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प्रशांत किशोर के 'बात बिहार की' कार्यक्रम की आज से होगी शुरुआत

‘बात बिहार की’ कार्यक्रम उन लोगों के पंजीकरण के साथ शुरू होगी, जो कार्यक्रम से जुड़कर समान विचारधारा वाले लोगों के एक ऐसे समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं और जो अगले 10-15 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों में देखना चाहते हैं।

05:39 AM Feb 20, 2020 IST | Desk Team

‘बात बिहार की’ कार्यक्रम उन लोगों के पंजीकरण के साथ शुरू होगी, जो कार्यक्रम से जुड़कर समान विचारधारा वाले लोगों के एक ऐसे समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं और जो अगले 10-15 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों में देखना चाहते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के आने में अभी काफी समय बचा है लेकिन सियासी गलियारा अभी से गर्म है। पार्टियों के बीच आरोप- प्रत्यारोप का मामला भी तेजी से बढ़ते जा रहा है। हर पार्टी के द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए अथक प्रयास किया जाने लगा है । जदयू पार्टी से निष्काषित प्रशांत किशोर ने अपनी अलग ही रणनीति बनानी शुरू कर दी है। प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार को पिछलग्गू बताकर निशाना साधा है।
उन्होंने ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम के शुरुआत करने का  घोषणा किया। ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम की शुरुआत आज से यानि 20 फरवरी से हो रही है। यह कार्यक्रम उन लोगों के पंजीकरण के साथ शुरू होगी, जो कार्यक्रम से जुड़कर समान विचारधारा वाले लोगों के एक ऐसे समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं और जो अगले 10-15 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों में देखना चाहते हैं। 
इस कार्यक्रम से जुड़ने के इच्छुक व्यक्ति 20 फरवरी सुबह 11:00 बजे के बाद ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बात बिहार की डॉट इन’ पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं या फिर 6900869008 पर मिस कॉल देकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। बता दें कि अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग नीतियों वाली पार्टियों के लिए लुभावने नारे गढ़ने वाले चुनावी प्रबंधक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह कोई नया दल नहीं बनाने जा रहे हैं। वह सिर्फ बिहार में बदलाव के लिए काम करेंगे।

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मुख्यमंत्री नितीश कुमार को उन्होंने ‘पितातुल्य’ बताया था और कहा था कि उनका हर फैसला उन्हें मंजूर है। हालांकि इसके तुरंत बाद ही वे नीतीश सरकार के 15 साल के शासनकाल की कमियां भी गिनाने लगे। वहीं भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर भी उन्होंने नीतीश पर सवाल उठाए थे, लेकिन जेडीयू ने पलटवार करते हुए कहा था कि प्रशांत किशोर की ऐसी हैसियत नहीं कि वो सवाल खड़े कर सके और जेडीयू इसका जबाव दे। 
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