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नागरिकता बिल पर समर्थन से प्रशांत-पवन नाराज, जदयू में घमासान

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में समर्थन दिए जाने से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर एवं राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा की नाराजगी से जदयू में घमासान मच गया है

02:04 PM Dec 10, 2019 IST | Shera Rajput

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में समर्थन दिए जाने से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर एवं राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा की नाराजगी से जदयू में घमासान मच गया है

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में समर्थन दिए जाने से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर एवं राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा की नाराजगी से जदयू में घमासान मच गया है। 
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जदयू ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर समर्थन देने के मुद्दे पर दूरी बनाकर रखी थी लेकिन रविवार को पार्टी ने इस विधेयक पर नरेंद, मोदी सरकार का समर्थन करने का फैसला लिया। इसको लेकर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री किशोर के बाद अब राष्ट्रीय महासचिव श्री वर्मा ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। 
श्री किशोर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर पार्टी के इस निर्णय पर अपनी नाराजगी जताई और कहा, ‘‘धर्म के आधार पर नागरिकों के बीच भेदभाव करने वाला नागरिकता संशोधन विधेयक पर जदयू के समर्थन से मैं दुखी हूं। जदयू के द्वारा इस विधेयक का समर्थन पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता है, जहां पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा हुआ है। 
जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने इशारों-इशारों में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोला और कहा, ‘‘नागरिकता संशोधन विधेयक पर समर्थन पार्टी नेतृत्व के विचारधारा से मेल नहीं खाता है, जो कि महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित है।’’ 
इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्री वर्मा ने भी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोला और ट््वीट कर कहा, ‘‘मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि वह राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने पर दोबारा विचार करें। यह विधेयक असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता एवं सौहार्द के खिलाफ है। 
साथ ही जदयू के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के भी खिलाफ है। आज गांधीजी होते तो इसे पूरी तरह ठुकरा देते।’’ वहीं, लोकसभा में कल इस विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए जदयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में कुछ लोग अपने-अपने हिसाब से धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा गढ़ रहे हैं। 
श्री सिंह ने कहा था कि इस विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर के लोगों को कुछ शंकाएं थीं लेकिन अब उसे भी दूर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग इतने समय से न्याय की आस लगाए हुए थे, उन्हें यह विधेयक बड़ राहत प्रदान करेगा।
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