Prayagraj Leopard News: हनुमानगंज सरायइनायत क्षेत्र में तेंदुए का आतंक जारी, 6 लोगों पर किया हमला
Prayagraj Leopard News: हनुमानगंज सरायइनायत क्षेत्र में पिछले एक महीने से दहशत फैला रहा तेंदुआ अब भी पकड़ से बाहर है। सोमवार सुबह यह तेंदुआ जमुनीपुर गांव पहुंच गया और गांव के बाहर एक पुराने शिव मंदिर के पीछे स्थित धान के खेतों में छिप गया। सुबह के समय जब गांव के कुछ लोग शौच के लिए खेतों की ओर गए तो तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। जिन लोगों पर हमला हुआ उनमें तारा बिंद, अंकित प्रजापति, कप्तान प्रजापति, बब्लू, शनि और प्रदीप शामिल हैं। इस हमले में तारा बिंद को तेंदुए के पंजों से चोट लगी।
Prayagraj Leopard News: डंडे से बचाई जान
गनीमत रही कि साथ चल रहे कप्तान बिंद के पास डंडा था। उन्होंने साहस दिखाते हुए तेंदुए पर डंडे से वार किया, जिससे वह डरकर झाड़ियों की ओर भाग गया। घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग इकट्ठा हो गए और लाठी-डंडों के साथ तेंदुए की तलाश शुरू कर दी, लेकिन वह नहीं मिला।
Prayagraj News: वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम भी गांव पहुंची और तेंदुए की तलाश शुरू की गई। काफी खोजबीन के बाद भी तेंदुआ नहीं मिला। वन क्षेत्राधिकारी लक्ष्मीकांत दुबे ने बताया कि तेंदुए के पंजों के निशान मिले हैं और उसका लोकेशन ट्रेस किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
Leopard News: इलाके में फैली दहशत
बताया जा रहा है कि बाढ़ के दौरान बहकर आया यह तेंदुआ पिछले एक महीने से अधिक समय से आसपास के कई गांवों में देखा जा चुका है। धनैचा, माखनपुर, लीलापुर, सुदनीपुर कला, देवकली, सैदाबाद, गनेशीपुर आदि गांवों में इसकी मौजूदगी से लोग डरे हुए हैं। धनैचा में इस तेंदुए ने राजेंद्र प्रसाद नाम के ग्रामीण पर हमला कर घायल कर दिया था, वहीं सुदनीपुर कला में एक बकरी के बच्चे को मार डाला था। वन विभाग द्वारा तेंदुए को पकड़ने की कई कोशिशें की गई हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली।
घायल तारा को इलाज के लिए भटकना पड़ा
तेंदुए के हमले में घायल तारा बिंद को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा एट बनी ले जाया गया, जहां उसे एंटी रेबीज का पहला इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली) रेफर किया गया, लेकिन वहां इंजेक्शन नहीं मिला। बेली से उसे एसआरएन अस्पताल भेजा गया और वहां से काल्विन अस्पताल रेफर कर दिया गया। देर रात तक भी तारा को दूसरा इंजेक्शन नहीं लग पाया था। इस तरह इलाज के लिए उसे कई अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े।
यह भी पढ़ें: Baghpat News: सरकारी लापरवाही का शिकार हुई मिनाक्षी, दस्तावेजों में पिता को बना दिया पति