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बजट पूर्व बैठक : अर्थशास्त्रियों ने जीएसटी सरलीकरण, प्रत्यक्ष कर संहिता की जरूरत बतायी

अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री के साथ शुक्रवार को हुई बजट पूर्व बैठक में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के सरलीकरण, लघु बचत दरों को तर्कसंगत बनाने और प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को अमल में लाने सहित कई सुझाव दिये हैं।

05:18 PM Dec 20, 2019 IST | Shera Rajput

अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री के साथ शुक्रवार को हुई बजट पूर्व बैठक में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के सरलीकरण, लघु बचत दरों को तर्कसंगत बनाने और प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को अमल में लाने सहित कई सुझाव दिये हैं।

अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री के साथ शुक्रवार को हुई बजट पूर्व बैठक में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के सरलीकरण, लघु बचत दरों को तर्कसंगत बनाने और प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को अमल में लाने सहित कई सुझाव दिये हैं। 
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अर्थशास्त्रियों द्वारा दिये गये अनय सुझावों में आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये अधिक निवेश आकर्षित करने, नीतियों को सुसंगत बनाने और सभी क्षेत्रों में नीतियों से जुड़े मुद्दों के त्वरित समाधान तथा बिजली क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन और सुधारों को बढ़ाने पर जोर दिया है। 
वित्त मंत्री के साथ आम बजट से पहले हर साल होने वाली इस तरह की बैठकों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुये शुक्रवार को अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर अपने सुझाव दिये। 
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने बैठक के बाद बताया, ‘‘जहां तक आर्थिक वृद्धि में गिरावट आने की बात है हम जहां तक नीचे आना था आ चुके हैं … अब यह देखना है कि आर्थिक वृद्धि को सात से 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिये क्या किया जा सकता है।’’ 
उन्होंने कहा कि सभी छोटे व्यावसायों के लिये डीटीसी को अमल में लाना काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने जीएसटी के सरलीकरण और इसके स्लैब को तर्कसंगत बनाये जाने पर भी जोर दिया। 
बैठक में सबसे ज्यादा भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये जरूरी उपायों पर गौर किया गया। रोजगार परक वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने जिसमें विनिर्माण और सेवाओं, राजकोषीय गणना में पारदर्शिता, मौद्रिक अंतरण, सरकार के राजकोषीय अनुशासन तथा राजकोषीय प्रोत्साहन, एनबीएफसी के पुनरूत्थान तथा मुद्रास्फीति लक्ष्य जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार, आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
अर्थशास्त्रियों में एनआईएफपी के निदेशक रथिन रॉय, एनसीएईआर के महानिदेशक शेखर शाह, ऑक्सस इन्वेस्टमेंट के प्रबंध निदेशक सुरजीत एस भल्ला, इंस्टीट्यूट आफ इकनोमिक ग्रोथ के निदेशक अजित मिश्रा और आरआईएस के महानिदेशक सचिव चतुर्वेदी शामिल रहे। 
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