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शरीर छोड़ा, पर धर्म नहीं! Guru Tegh Bahadur Ji के 350वें शहीदी दिवस पर Premanand Ji Maharaj ने सुनाई 'हिन्द की चादर' अमर गाथा

05:10 PM Nov 25, 2025 IST | Khushi Srivastava
Premanand Ji Maharaj on Guru Tegh Bahadur Ji

Premanand Ji Maharaj on Guru Tegh Bahadur Ji: हर साल 24 नवंबर का दिन गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन बड़ी ही कठिनाइयों से गुजरा था। उन्हें त्याग, तप, मानवता और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक माना जाता है। धर्म, मानवाधिकार और निष्पक्षता की रक्षा के लिए उनका योगदान न केवल सिख इतिहास है, बल्कि विश्व इतिहास में भी अद्वितीय है। गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं आज भी मानव जीवन को आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिकता सिखाती हैं और आधुनिक समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। जितनी तीन शताब्दी पहले थीं।

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गुरु तेग बहादुर सिख इतिहास ही नहीं, बल्कि पूरे मानव समाज के लिए साहस, करुणा और त्याग का उदाहरण हैं। उनके जीवन से हमें ये सीख मिलती है कि सच्चाई और धर्म की रक्षा केवल शास्त्रों से नहीं होती, बल्कि उसके लिए खड़े होने का हौसला भी चाहिए।

Premanand Ji Maharaj on Guru Tegh Bahadur Ji (Photo: AI Generated)
गुरु तेग बहादुर जी की महानता पर प्रेमानंद जी महाराज ने कुछ अनमोल बातें कहीं, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उन्होंने गुरु तेग बहादुर की निष्पक्षता और देश के लिए उनके योगदान की सराहना की।

 

Premanand Ji Maharaj on Guru Tegh Bahadur Ji: प्रेमानंद जी ने याद कराई गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की दास्तान

Premanand Ji Maharaj on Guru Tegh Bahadur Ji (Photo: AI Generated)
प्रेमानंद जी महाराज ने कश्मीर की उस दास्तान को याद कराया, जब मुगल बादशाह औरंगजेब ने कश्मीरी पंडितों को इस्लाम कबूलने और कश्मीर छोड़ेने पर मजबूर किया था, तब कश्मीरी पंडितों ने गुरु तेग बहादुर से मदद मांगी। लेकिन गुरु तेग बहादुर जी के संघर्ष ने कश्मीरी पंडितों के उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होकर औरंगजेब के दबाव के बावजूद इस्लाम न अपनाकर एक मिसाल कायम की। गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधि से कहा कि वे औरंगजेब को जाकर बताएं कि अगर गुरु तेग बहादुर ने इस्लाम कबूल कर लिया, तो वे भी कर लेंगे।
Premanand Ji Maharaj on Guru Tegh Bahadur Ji (Photo: AI Generated)
इस चुनौती के बाद, औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को दिल्ली बुलाया और इस्लाम कबूल करने को कहा। गुरु तेग बहादुर ने इस्लाम कबूल करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद, 24 नवंबर, 1675 को औरंगजेब के आदेश पर दिल्ली के चांदनी चौक में उनका सिर कलम कर दिया गया। गुरु तेग बहादुर ने अपनी जान दे दी, लेकिन धर्म के लिए वे अपनी अंतिम सांस तक लड़े। उन्होंने कभी अधर्म का मार्ग नहीं चुना और नैतिकता की मिसाल बने।
प्रेमानंद महाराज ने गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर उन्हें याद करते हुए उनका नमन किया और उनके दिए गए उपदेशों को जीवन में उतारने के लिए कहा।
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Premanand Ji Maharaj Health: इस बीमारी की चपेट में हैं प्रेमानंद जी महाराज

Premanand Ji Maharaj News (Photo: Social Media)
प्रेमानंद जी महाराज पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (Polycystic Kidney Disease) से पीड़ित हैं, जो साल 2006 में सामने आया था। शुरू में पेट दर्द की शिकायत थी, लेकिन बाद में पता चला कि दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। पहले सप्ताह में पांच दिन डायलिसिस होती थी, लेकिन अब रोजाना डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। यह प्रक्रिया हर दिन उनके घर पर ही डॉक्टरों की निगरानी में होती है।
कुछ दिन पहले प्रेमानंद जी की तबीयत खराब चल रही थी, जिसके चलते उनकी पदयत्रा को भी रोक दिया गया था। हालांकि अब वे स्वस्थ हैं और रोजाना की दिनचर्या जारी रख रहे हैं।

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