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'चिंता छोड़ो, कर्म करो!' Premanand Ji Maharaj के ये विचार हैं सफलता के मूल मंत्र

03:35 PM Nov 02, 2025 IST | Khushi Srivastava
 चिंता छोड़ो  कर्म करो   premanand ji maharaj के ये विचार हैं सफलता के मूल मंत्र
Premanand Ji Maharaj Pravachan (Photo: AI Generated)
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Premanand Ji Maharaj Pravachan: रोजाना कई श्रद्धालु प्रेमानंद जी महाराज से मिलने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए  वृंदावन के उनके आश्रम पहुंचते हैं। प्रेमानंद जी महाराज वो संत हैं, जो लोगों को प्रेम, भक्ति और सच्चे जीवन के मार्ग बताते हैं। जीवन के प्रति भी प्रेमानंद जी के विचार काफी स्पष्ट और सरल हैं।
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Premanand Ji Maharaj Pravachan: सच्चे जीवन की कुंजी हैं प्रेमानंद जी के ये विचार

Premanand Ji Maharaj Pravachan
Premanand Ji Maharaj Thoughts (Photo: AI Generated)

कई बार व्यक्ति अपने जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों में बंधकर रह जाता है। ऐसे में जीवन में अडिग बने रहने के लिए आप प्रेमानंद जी महाराज के सुविचारों को अपना सकते हैं। यहां पर Premanand Ji Maharaj Pravachan में से उनके कुछ विचारों के बारे में बताया है।

1. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि विजयी वही है, जो सदैव मेहनत करता है और अपनी गलतियों से सीखकर उसे सुधारता है। 
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2. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि अगर दुख है तो उसे सहना सीखो। क्योंकि दुख हमेशा नहीं रहता। जिस तरह रात के बाद सवेरा जरुर होता है, वैसे ही दुख के बाद सुख आता है। इसलिए उम्मीद न हारें।
3. यदि कोई आपका साथ छोड़ दे तो निराश न हों, क्योंकि चाहे कोई रहे या न रहे, परंतु भगवान हमेशा आपके साथ होगा। भगवान के साथ से आप जीवन की हर बाधा को पीछे छोड़कर आगे बढ़ सकते हैं।
4. प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि व्यक्ति को हर परिस्थिति में खुश रहना चाहिए और सदैव खुश रहना है तो भगवान से जुड़कर रहें।
5. कभी भी अतीत या भविष्य के बारे में सोचकर चिंता न करें। बस पूरी ईमानदारी से अपना कर्म करें और भगवान पर भरोसा रखें।
6. प्रेम और रिश्तों के बारे में  प्रेमानंद जी कहते किसी भी रिश्ते की नींव हमेशा आपसी विश्वास और एक दूसरे के प्रति ईमानदारी पर टिकी होती है। शक और विश्वासघात से रिश्ते कमजोर हो जाते हैं, इसलिए एक-दूसरे पर विश्वास होना जरुरी है।
7. महाराज कहते हैं कि, एक बार किसी व्यक्ति के साथ संबंध स्थापित होने के बाद उसके प्रति पूरी तरह से समर्पित रहें। फिर किसी तीसरे व्यक्ति की तलाश न करें।
8.महाराज का मानना है कि जो लोग दूसरों को दुखी देखकर खुश होते हैं वे अपने जीवन में कभी सफल नहीं होते। इसलिए दूसरों के दुख को कम करने का प्रयास करें।
9. अंत में प्रेमानंद जी महाराज का मानना हैं कि हमेशा अच्छे कर्म करों और ईश्वर पर भरोसा रखों। यही जीवन की सफलता का राज है।

कौन हैं Premanand Ji Maharaj?

Premanand Ji Maharaj Pravachan
Premanand Ji Maharaj Pravachan (Photo: AI Generated)
संत प्रेमानंद महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के आकरी गांव में अनिरुद्ध कुमार पांडे नाम से हुआ था। मात्र 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने सांसारिक जीवन त्यागकर आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया। काशी में उन्होंने गुरु गौरी शरण जी महाराज के सान्निध्य में लगभग 15 महीने तक तपस्या की।
स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद वे वृंदावन पहुंचे और पूरी तरह राधा नाम के संकीर्तन में डूब गए। अपनी दोनों अस्वस्थ किडनियों को भी वे श्रद्धा से ‘कृष्णा’ और ‘राधा’ कहकर संबोधित करते हैं।

Premanand Ji Maharaj Latest News: इस बिमारी की चपेट में हैं प्रेमानंद महाराज

Premanand Ji Maharaj Pravachan
Premanand Ji Maharaj Pravachan (Photo: AI Generated)
प्रेमानंद जी महाराज पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (Polycystic Kidney Disease) से पीड़ित हैं, जो साल 2006 में सामने आया था। शुरू में पेट दर्द की शिकायत थी, लेकिन बाद में पता चला कि दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। पहले सप्ताह में पांच दिन डायलिसिस होती थी, लेकिन अब रोजाना डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। यह प्रक्रिया हर दिन उनके घर पर ही डॉक्टरों की निगरानी में होती है।
कुछ दिन पहले प्रेमानंद जी की तबीयत खराब चल रही थी, जिसके चलते उनकी पदयत्रा को भी रोक दिया गया था। हालांकि अब वे स्वस्थ हैं और रोजाना की दिनचर्या जारी रख रहे हैं।
यह भी पढ़ें- “किसी के साथ संबंध स्थापित होने के बाद…” प्रेमानंद जी महाराज ने बताया सच्चे प्रेम की परिभाषा
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, सच्चे प्रेम के लिए विश्वास, सम्मान और मर्यादा बेहद जरुरी है। महाराज कहते हैं कि, एक बार किसी व्यक्ति के साथ संबंध स्थापित होने के बाद उसके प्रति पूरी तरह से समर्पित रहें। फिर किसी तीसरे व्यक्ति की तलाश न करें। आगे पढ़ें...
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Khushi Srivastava

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