राज्यों से कोविड की दूसरी लहर के लिये तैयारी का किया गया था अनुरोध : केंद्र
केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के लिये राज्यों से तैयारी करने के लिये कहने में वह सक्रिय था और यह सुनिश्चित कर रहा था कि मामले बढ़ने की स्थिति में समूचा राष्ट्र तैयार दिखे।
01:08 AM May 01, 2021 IST | Shera Rajput
केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के लिये राज्यों से तैयारी करने के लिये कहने में वह सक्रिय था और यह सुनिश्चित कर रहा था कि मामले बढ़ने की स्थिति में समूचा राष्ट्र तैयार दिखे।
उसने कहा कि राज्यों ने कोविड-19 की पहली लहर में जहां मांगे गए आंकड़े उपलब्ध कराने में सहयोग किया जबकि अबकी बार बड़े पैमाने पर उनके और जिलों द्वारा कोविड-19 पोर्टल पर लगातार अनुरोध के बावजूद आंकड़ों को अद्यतन नहीं किया गया।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दायर एक हलफनामे में केंद्र ने कहा कि उसने देश में ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति को पूरा करने समेत कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों को देखने के लिये विभिन्न उच्चाधिकार प्राप्त समूह गठित किये हैं
केंद्र ने कहा, “दूसरी लहर की संभावित स्थिति में देश को किसी भी कमी की स्थिति से बचाने के लिये केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार दिसंबर 2020 को (पहली लहर के कमजोर पड़ने पर) पत्र लिखकर कहा था कि वे राज्य/जिलेवार मामलों की तत्कालीन वृद्धि दर के मद्देनजर कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में भविष्य की जरूरतों के आकलन के मुताबिक बिस्तरों की क्षमता के बारे में बताएं।”
केंद्र ने कहा, “यह महत्वपूर्ण कारक है जिसे न्यायालय द्वारा देखा जाना चाहिए क्योंकि इसमें स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिये सजग व सतर्क रहा कि किसी भी संभावित दूसरी लहर की स्थिति में समूचा राष्ट्र तैयार दिखे।”
अदालत को बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिसंबर 2020 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा कि वे तत्कालीन वृद्धि दर को देखते हुए कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में भविष्य में बिस्तरों की जरूरतों के बारे में राज्य/जिलेवार आकलन उपलब्ध कराएं।
केंद्र ने न्यायालय को बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 फरवरी 2021 को सभी राज्यों को परामर्श दिया कि वे अपनी सतर्कता को कम न करें, कोविड अनुकूल व्यवहार को लागू करवाएं तथा इसका उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटें।
शीर्ष अदालत को बताया गया कि राज्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि आंकड़े उनके और राज्यों के लिये विस्तृत योजना बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं और इसलिये उन्हें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि समय पर सही आंकड़े पोर्टल पर उपलब्ध हों।
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