जी20 सम्मेलन में बोले चीन के राष्ट्रपति- मामूली मतभेदों और विवादों का समाधान बातचीत के जरिए हो
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि चीन हमेशा वैश्विक शांति का निर्माता, वैश्विक विकास में योगदान करने वाला और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक रहेगा।
08:30 AM Nov 22, 2020 IST | Desk Team
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार को सऊदी अरब के किंग सलमान द्वारा आयोजित आभासी जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनका देश आपसी सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, और साथ ही उन्होंने बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाने और विवादों को हल करने का सुझाव दिया।
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उन्होंने कहा कि चीन हमेशा वैश्विक शांति का निर्माता, वैश्विक विकास में योगदान करने वाला और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक रहेगा। उन्होंने आगे कहा, ‘‘चीन आपसी सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और साझा विकास के लिए तैयार है।’’
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच छह महीने से अधिक लंबे सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि में चिनफिंग ने कहा, ‘‘हम बातचीत के जरिए मतभेदों को दूर कर सकते हैं, बातचीत के माध्यम से विवादों को हल कर सकते हैं और विश्व शांति तथा विकास के लिए एक संयुक्त प्रयास कर सकते हैं।’’ सऊदी अरब इस साल जी20 की अध्यक्षता कर रहा है और इस आभासी शिखर सम्मेलन का मेजबान है, जिसमें अमेरिका, चीन, भारत, तुर्की, फ्रांस, ब्रिटेन और ब्राजील जैसी दुनिया की सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं के नेता एक साथ आ रहे हैं। इस आभासी सत्र का आयोजन शनिवार और रविवार हो रहा है और इसमें शामिल होने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं।
चिनफिंग ने कोविड-19 से संयुक्त रूप से लड़ने का आह्वान किया और कहा कि जी20 के सदस्यों को इसमें विशेष भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पहले अपने देश में बीमारी को नियंत्रण में रखना चाहिए और उस आधार पर जरूरतमंद देशों की मदद करने के लिए सहयोग को मजबूत करना चाहिए।’’ पिछले साल चीन के वुहान से शुरू हुई कोविड-19 महामारी की चपेट में दुनिया भर के 5.77 करोड़ लोग आ चुके हैं, और 13.76 लाख से अधिक लोग मारे गए हैं। चिनफिंग ने कहा कि कई जी20 सदस्यों ने वैक्सीन के शोध और उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है। साथ ही उन्होंने कहा कि टीकाकरण का काम भेदभाव के बिना और कुशलतापूर्वक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन करना चाहिए।
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