चीन में विदेशी मोबाइल फोन की बिक्री में 9.7% गिरावट, Apple पर भी दबाव
चीन की सरकारी संस्था "चाइना एकेडमी ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (CAICT)" के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में चीन में विदेशी-ब्रांडेड स्मार्टफोनों की बिक्री में 9.7% की गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान सिर्फ 4.54 मिलियन यूनिट्स की ही शिपमेंट हुई, जो पिछले साल मई के मुकाबले काफी कम है। चीन में कुल स्मार्टफोन शिपमेंट (घरेलू और विदेशी मिलाकर) मई में 23.72 मिलियन यूनिट रही, जो सालाना आधार पर 21.8% की गिरावट है। इससे साफ़ है कि चीन के मोबाइल बाजार में ठहराव आ गया है।
Apple की स्थिति
Apple चीन में सबसे प्रमुख विदेशी मोबाइल ब्रांड है। लेकिन हाल के महीनों में उसे घरेलू कंपनियों जैसे Huawei, Vivo और Xiaomi से जबरदस्त टक्कर मिल रही है। मुकाबले में बने रहने के लिए Apple को मई महीने में अपने नए iPhone 16 मॉडल्स पर भारी छूट देनी पड़ी। कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर iPhone 16 पर 2,530 युआन (लगभग ₹28,000) तक की छूट दी गई।
618 शॉपिंग फेस्टिवल के चलते Apple की बिक्री में कुछ सुधार ज़रूर हुआ। दूसरी तिमाही में Apple की बिक्री में लगभग 8% की बढ़ोतरी दर्ज हुई, लेकिन Huawei की बिक्री में इससे अधिक 12% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई, जिससे घरेलू कंपनियों की मजबूती का संकेत मिलता है।
भारत के लिए क्या मायने?
ब्रांड रणनीति: Apple जैसी कंपनी को जब चीन में भारी छूट देनी पड़ी, तो भारत जैसे किफायती बाजार में भी ऐसे कदमों की उम्मीद की जा सकती है, खासकर त्योहारों या Amazon/Flipkart सेल्स के दौरान।
प्रतिस्पर्धा से सबक: जैसे चीन में घरेलू कंपनियां Apple को चुनौती दे रही हैं, वैसे ही भारत में भी Lava, Micromax जैसे ब्रांड यदि तकनीक और दाम में समझदारी दिखाएं तो Apple जैसी कंपनियों को कठिनाई हो सकती है।
खर्चीले ब्रांड्स के लिए चेतावनी: यह संकेत है कि सिर्फ ब्रांड नाम पर अब बिक्री नहीं होगी। उपभोक्ता समझदार हो रहे हैं और "वैल्यू फॉर मनी" चाह रहे हैं। चीन में Apple की गिरती बिक्री और कटती कीमतें भारत के बाजार को कई संकेत देती हैं — न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए, बल्कि ब्रांड्स के लिए भी। भारत में आने वाले महीनों में स्मार्टफोन बाजार में कड़ा मुकाबला और किफायती रणनीतियों का दौर देखने को मिल सकता है।