W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

विपक्ष का आरोप - कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष पर झूठ बोलने का प्रधानमंत्री का आरोप निराधार

प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि विपक्षी दलों पर कृषि कानूनों को लेकर झूठ बोलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आरोप निराधार है।

07:46 PM Dec 24, 2020 IST | Ujjwal Jain

प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि विपक्षी दलों पर कृषि कानूनों को लेकर झूठ बोलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आरोप निराधार है।

विपक्ष का आरोप   कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष पर झूठ बोलने का प्रधानमंत्री का आरोप निराधार
प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि विपक्षी दलों पर कृषि कानूनों को लेकर झूठ बोलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आरोप निराधार है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक, राजद, सपा, माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), फॉरवर्ड ब्लॉक,आरएसपी और कुछ अन्य दलों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान में प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को निराधार आरोप लगाना बंद करना चाहिए और कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए। हम प्रधानमंत्री की ओर से लगाए गए निराधार आरोपों को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराते हैं।’’ 
बयान में कहा गया है, ‘‘ हम प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति अपनी एकजुटता प्रकट करते हैं। 500 से अधिक संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले इस ऐतिहासिक संघर्ष का ऐलान कर रखा है। हमने संसद में कृषि विधेयकों का विरोध किया था। इन पर मतदान की मांग करने वाले सांसदों को निलंबित कर दिया गया।’’ इस बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, राजद के तेजस्वी यादव, भाकपा के डी राजा, आरएसपी के मनोज भट्टाचार्य, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, द्रमुक नेता कनिमोई, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और कई अन्य नेताओं के हस्ताक्षर हैं। 

सभी मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान के लिए सरकार तैयार, किसानों को पत्र लिखकर फिर दिया बातचीत का न्यौता

इन नेताओं ने सरकार से आग्रह किया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए और फिर केंद्र सरकार किसान संगठनों एवं दूसरे संबंधित पक्षाों से कृषि सुधारों पर बातचीत करे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गत शुक्रवार को कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून रातों-रात नहीं लाए गये हैं, बल्कि राजनीतिक दल, कृषि विशेषज्ञ और यहां तक कि किसान भी लंबे समय से इनकी मांग कर रहे थे। कांग्रेस व अन्य दलों पर इन कानूनों के प्रति किसानों में भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने साफ किया कि कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की प्रणाली पर सरकार पूरी तरह से गंभीर है और यह व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। 
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑनलाइन सभा के जरिये रायसेन और मध्यप्रदेश के अन्य जिलों के किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर एमएसपी और एपीएमसी (कृषि मंडी) के मुद्दे पर किसानों को बरगलाने और भ्रम में डालने का आरोप लगाया और कहा कि राजनीतिक दलों, कृषि विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों द्वारा लंबे समय से ऐसे कृषि सुधारों की वकालत की जा रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब वे (विपक्षी दल) इनका विरोध कर रहे थे क्योंकि वे नहीं चाहते कि सुधारों का श्रेय मोदी को मिले।’’ 

चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान नेता बोले – केंद्र सरकार कितना भी प्रताड़ित करे, न झुकेंगे न टूटेंगे

Advertisement
Advertisement
Author Image

Ujjwal Jain

View all posts

Advertisement
Advertisement
×