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भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं : PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानगढ़ धाम की गौरव गाथा के सार्वजानिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं हो सकता।

12:48 PM Nov 01, 2022 IST | Desk Team

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानगढ़ धाम की गौरव गाथा के सार्वजानिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं हो सकता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने मानगढ़ धाम की गौरव गाथा के सार्वजानिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं हो सकता। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री समेत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने हिस्सा लिया। 
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मानगढ़  राजस्थान, गुजरात, MP और महाराष्ट्र की साझी विरासत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में हम सभी का मानगढ़ धाम आना, ये हम सभी के लिए प्रेरक और सुखद है। मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और दे​श​भक्ति का प्रतिबिंब है। ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की साझी विरासत है।
उन्होंने कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी। दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के घाटउतारा था। 
इतिहास के पन्ने आदिवासी वीरता से भरे
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम का हर कदम और इतिहास के पन्ने आदिवासी वीरता से भरे पड़े हैं। दुर्भाग्य से आदिवासी समाज के इस बलिदान को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह नहीं मिली। आज देश उस कमी को पूरा कर रहा है। भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि गोविंद गुरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे। वह किसी रियासत के राजा नहीं थे लेकिन वह लाखों आदिवासियों के नायक थे। अपने जीवन में उन्होंने अपना परिवार खो दिया लेकिन हौसला कभी नहीं खोया। 
पीएम मोदी ने कहा, गोविंद गुरु का वो चिंतन, वो बोध, आज भी उनकी धुनी के रूप में, मानगढ़ धाम में अखंड रूप से प्रदीप्त हो रहा है। और उनकी सम्प सभा, यानि समाज के हर तबके में सम्प भाव पैदा हो, सम्प सभा के आदर्श, आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारा की प्रेरणा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, आज से कुछ दिन बाद ही 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा। आदिवासी समाज के अतीत और इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए, आज देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित विशेष म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। 
देश में आदिवासी समाज का विस्तार और भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है। राजस्थान और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और उड़ीसा तक विविधता से भरे आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है।
क्या है मानगढ़ धाम?
राजस्थान व गुजरात की सीमा पर बांसवाड़ा जिले की आनंदपुरी पंचायत समिति क्षेत्र की पहाड़ी पर मानगढ़ धाम स्थित हैं। 17 नवंबर 1913 में गोविन्द गुरु के नेतृत्व में अंग्रेजों से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ते हुए करीब 1500 आदिवासी शहीद हुए थे। माना जाता है कि यह घटनाक्रम जलियावाला बाग से भी बड़ा था। 
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