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सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग ने दुबारा सत्ता में वापसी की, हासिल किया ‘स्पष्ट जनादेश'

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग की पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) ने कोविड-19 महामारी के बीच हुए आम चुनाव में संसद की 93 में से 83 सीटों पर जीत दर्ज कर ‘‘स्पष्ट जनादेश’’ हासिल किया है जबकि विपक्षी दल ने रिकॉर्ड 10 सीटों के साथ बढ़त हासिल की है।

11:29 AM Jul 11, 2020 IST | Ujjwal Jain

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग की पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) ने कोविड-19 महामारी के बीच हुए आम चुनाव में संसद की 93 में से 83 सीटों पर जीत दर्ज कर ‘‘स्पष्ट जनादेश’’ हासिल किया है जबकि विपक्षी दल ने रिकॉर्ड 10 सीटों के साथ बढ़त हासिल की है।

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग की पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) ने कोविड-19 महामारी के बीच हुए आम चुनाव में संसद की 93 में से 83 सीटों पर जीत दर्ज कर ‘‘स्पष्ट जनादेश’’ हासिल किया है जबकि विपक्षी दल ने रिकॉर्ड 10 सीटों के साथ बढ़त हासिल की है। सत्तारूढ़ पार्टी 1965 में आजादी के बाद से ही सत्ता में है। उसने चुनाव में 61.24 प्रतिशत मत हासिल किए जबकि 2015 में हुए चुनाव में उसे 69.9 प्रतिशत मत मिले थे। करीब 26 लाख सिंगापुरवासियों ने शुक्रवार को मतदान किया। 
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ली ने शनिवार सुबह एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें स्पष्ट जनादेश मिला है लेकिन मतदान प्रतिशत उतना अधिक नहीं रहा जितनी मुझे उम्मीद थी।’’ भारतीय मूल के नेता प्रीतम सिंह के नेतृत्व वाली विपक्षी वर्कर्स पार्टी ने सेंगकांग की जीआरसी समेत 10 सीटों पर जीत दर्ज की है। सेंगकांग जीआरसी में उसने प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री एन ची मेंग के नेतृत्व वाली पीएपी टीम को हराया। 
प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि वर्कर्स पार्टी के भारतीय मूल के महासचिव प्रीतम सिंह को ‘‘औपचारिक रूप से’’ नेता विपक्ष मनोनीत किया जाएगा और उन्हें इसके लिए आवश्यक सहयोग मुहैया कराया जाएगा। ली ने कहा, ‘‘सिंगापुर के नागरिक इस बात को समझते हैं कि दांव पर क्या लगा है और क्यों अपने राष्ट्रीय हितों को बनाए रखने के लिए हमें एक साथ आना चाहिए।’’ उन्होंने कोविड-19 की स्थिति और आर्थिक मंदी से ‘‘जिम्मेदारीपूर्ण ढंग से’’ निपटने के लिए इस जनादेश का इस्तेमाल करने का संकल्प लिया। 
ली ने माना कि चुनाव नतीजे संसद में प्रतिनिधित्व में विविधता की ‘‘स्पष्ट आकांक्षा’’ को भी दिखाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सिंगापुरवासी चाहते हैं कि पीएपी सरकार बनाए लेकिन वे और खास तौर से युवा मतदाता संसद में विपक्ष की अधिक मौजूदगी भी देखना चाहते हैं।’’ ली (68) आंग मो कियो के अपने समूह प्रतिनिधित्व निर्वाचन क्षेत्र (जीआरसी) से पुन: निर्वाचित हुए। उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री हेंग स्वी कीट भी दोबारा निर्वाचित हुए हैं। वर्कर्स पार्टी को 2015 के आम चुनाव में छह सीट मिली थीं। 
प्रीतम सिंह ने कहा, ‘‘आज के नतीजे सकारात्मक हैं लेकिन हमें जमीनी बढ़त बनानी होगी। हमें इन चुनाव नतीजों से ही संतुष्ट नहीं होना होगा बल्कि काफी काम किया जाना है। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह वर्कर्स पार्टी की टीम सिंगापुर की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ करीब 26.5 लाख सिंगापुरवासियों ने चेहरे पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहने हुए मतदान किया। संसद की 93 सीटों के लिए 192 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। 
पीएपी ने आजादी के बाद से ही पूर्ण बहुमत के साथ सिंगापुर में शासन किया है। कोविड-19 की अभूतपूर्व चुनौती के बीच पीएपी समेत 11 राजनीतिक दलों ने नौ दिन तक प्रचार किया। वैश्विक महामारी के कारण मतदान को सुरक्षित बनाने की कवायद में मतदान केंद्रों की संख्या 880 से बढ़ाकर 1,100 कर दी गई। प्रधानमंत्री ली ने पिछले महीने तय समय से 10 महीने पहले आम चुनाव कराने का आह्वान किया था। 
ली की पीएपी 1950 के बाद से हर चुनाव जीती है। सत्तारूढ़ पीएपी एकमात्र पार्टी है जिसने सभी 93 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। सितंबर 2015 के चुनाव में पीएपी ने 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 83 पर जीत दर्ज की थी। देश के तीसरे प्रधानमंत्री ली ने 2004 के बाद से सरकार का नेतृत्व किया है। उनके पिता ली कुआन येव सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री थे। 

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