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'न्याय का पहिया इतना धीमा क्यों', न्यायपालिका पर क्यों भड़कीं प्रियंका चतुर्वेदी

12:26 PM Aug 17, 2025 IST | Neha Singh
 न्याय का पहिया इतना धीमा क्यों   न्यायपालिका पर क्यों भड़कीं प्रियंका चतुर्वेदी
Priyanka Chaturvedi

Priyanka Chaturvedi: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने 'पार्टी चिन्ह और पार्टी नाम' को लेकर सुनवाई में देरी पर चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए न्याय प्रक्रिया की धीमी गति और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

पार्टी चिन्ह को लेकर भड़कीं Priyanka Chaturvedi

शिवसेना-यूबीटी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, "सर्वोच्च न्यायालय में पार्टी चिन्ह और पार्टी नाम के लिए ढाई साल से ज्यादा समय से लड़ाई चल रही है, जिसे चुनाव आयोग ने पार्टी तोड़ने वालों को देने का फैसला किया था। पार्टी बिना किसी अंतिम तिथि के सर्वोच्च न्यायालय में इस लड़ाई को लड़ रही है।"

उन्होंने आगे लिखा, "यदि संवैधानिक औचित्य की दिशा में न्याय का पहिया इतना धीमा है, तो राजनीतिक दलों के रूप में हमारी लड़ाई चुनावी प्रक्रिया में खामियों को प्राथमिकता देने की है और ईसीआई को उनके समाधान के लिए अपनी कार्रवाई या निष्क्रियता के लिए जिम्मेदार बनाना है।" गौरतलब है कि महाराष्ट्र में जल्द बीएमसी समेत अन्य नगरपालिका और नगर निगम के चुनाव होने हैं। इससे पहले, शिवसेना-यूबीटी पार्टी 'सिंबल' की लड़ाई को लेकर एक बार फिर एक्टिव है।

उद्धव ठाकरे ने भी आलोचना

13 अगस्त को शिवसेना-यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी सवाल उठाए थे। लोक सुरक्षा विधेयक का विरोध करने के लिए दक्षिण मुंबई के वाई.बी. चव्हाण सभागार में कम्युनिस्ट ब्लॉक सहित विपक्षी दलों की ओर से आयोजित शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, उद्धव ठाकरे ने न्यायपालिका पर लोकतंत्र को "अपने दरवाजे पर ही ढहने" देने का आरोप लगाया था।

Uddhav Thackeray
Uddhav Thackeray

बता दें, 2022 में शिवसेना दो धड़ों में बंट गई थी। शिवसेना का एक गुट उद्धव ठाकरे के साथ रहा, जबकि दूसरा पक्ष एकनाथ शिंदे के साथ जुड़ा। फरवरी, 2023 में एकनाथ शिंदे को न सिर्फ 'शिवसेना' पार्टी का नाम, बल्कि चुनाव चिन्ह 'धनुष-बाण' भी मिला। चुनाव आयोग ने यह फैसला दिया था। उद्धव ठाकरे इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

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